Sun. Sep 21st, 2025

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में आज भी तेज बारिश की संभावना

देहरादून : उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार जारी मौसम की मार से आमजन को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में भारी दौर की बारिश की संभावना जताई है। विभाग की ओर से जारी ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिले के कुछ इलाकों में बारिश के तेज़ दौर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस चेतावनी के मद्देनज़र प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों को सतर्क रहने और संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून अपने अंतिम चरण में है, लेकिन इस दौरान होने वाली बारिश पहाड़ी जिलों में भूस्खलन, सड़क मार्गों पर मलबा आने और नदियों-नालों के जलस्तर बढ़ने जैसी चुनौतियां पैदा कर सकती है। पिछले दिनों हुई भारी बारिश का असर अभी भी प्रदेश के कई हिस्सों में देखने को मिल रहा है, जहां कई मार्ग बाधित हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित हुआ है।

मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के अन्य जिलों में भी शनिवार को कहीं-कहीं पर भारी दौर की बारिश हो सकती है। खासकर कुमाऊं मंडल के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सचेत रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की स्थिति की जानकारी लेने की अपील की है।

आने वाले दिनों की बात करें तो विभाग ने अनुमान जताया है कि 25 सितंबर तक प्रदेशभर में हल्की से मध्यम बारिश होती रहेगी। इसका असर खेतों में खड़ी फसलों और ग्रामीण इलाकों की दैनिक गतिविधियों पर पड़ सकता है। वहीं, लगातार हो रही बारिश से पर्वतीय जिलों में भूस्खलन का खतरा और अधिक बढ़ सकता है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों में तैनात टीमों को अलर्ट पर रखा है और विशेषकर संवेदनशील मार्गों और गांवों पर अतिरिक्त निगरानी रखने को कहा गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जनता को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष मानसून का असर सामान्य से अधिक रहा है, जिससे जलभराव, नदी-नालों का उफान और पहाड़ी क्षेत्रों में भू-स्खलन जैसी स्थितियां बार-बार उत्पन्न हुईं। यही कारण है कि मौसम विभाग द्वारा जारी हर अलर्ट पर प्रशासनिक तंत्र तुरंत सक्रिय हो रहा है और राहत कार्यों को तैयार रखा जा रहा है।

प्रदेश में इस समय चारधाम यात्रा भी जारी है और मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए यातायात पुलिस और प्रशासन को यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों को मौसम के प्रतिकूल होने पर यात्रा रोकने और सुरक्षित स्थानों पर रुकने की भी अपील की गई है।

प्रदेशवासियों के लिए फिलहाल जरूरी है कि वे मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर नजर रखें और किसी भी जोखिम से बचने के लिए प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। लगातार हो रही बारिश से भले ही तापमान में कमी आई है और वातावरण में ठंडक महसूस हो रही है, लेकिन आपदा की संभावना को देखते हुए सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव माना जा रहा है।

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