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हैदराबाद हादसा: गुलजार हाउस में भीषण आग, एक ही परिवार के 17 लोगों की मौत

हैदराबाद :  शहर के ऐतिहासिक चारमीनार के समीप स्थित गुलजार हाउस इलाके में रविवार सुबह एक इमारत में लगी भीषण आग ने दिल दहला देने वाली त्रासदी का रूप ले लिया। इस हादसे में एक ही परिवार के 17 लोगों की मौत हो गई, जिनमें आठ मासूम बच्चे भी शामिल थे। आग का प्राथमिक कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।

पुलिस और अग्निशमन विभाग के मुताबिक, हादसा सुबह 6:16 बजे हुआ जब भूतल पर मौजूद आभूषण की दुकानों से आग फैलनी शुरू हुई और कुछ ही मिनटों में ऊपरी मंजिलों तक पहुंच गई। धुएं और लपटों से घिरी संकरी सीढ़ी इमारत से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता थी, जिससे लोग बाहर नहीं निकल पाए।

पीड़ित परिवार हैदराबाद में 125 वर्षों से रह रहा था और उनकी आभूषण की दुकान शहर की सबसे पुरानी दुकानों में से एक मानी जाती है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि अब परिवार के केवल दो सदस्य ही जीवित बचे हैं।

हादसे के वक्त इमारत में कुल 21 लोग मौजूद थे। 17 को अग्निशमन कर्मियों ने अचेत अवस्था में बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। दम घुटने और धुएं की वजह से ज्यादातर मौतें हुईं।

राज्य और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हृदयविदारक हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं और राहत-बचाव कार्यों की सराहना की है। उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी घटना स्थल का दौरा कर शोक व्यक्त किया।

प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी

स्थानीय निवासी जाहिद, जो घटनास्थल के पास से गुजर रहे थे, ने बताया कि उन्होंने शटर और दीवार तोड़ कर बचाव की कोशिश की। “हमने एक कमरे में सात और दूसरे में छह लोगों को पाया, लेकिन तेज लपटों के कारण उन्हें बाहर नहीं ला सके। एक महिला अपने बच्चे को गले लगाए हुई थी, दोनों की मौत हो चुकी थी,” उन्होंने बताया।

सवालों के घेरे में सुरक्षा उपाय

इस दर्दनाक हादसे ने पुराने शहर की जर्जर और भीड़भाड़ वाली इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गुलजार हाउस और आसपास की अधिकांश इमारतें 100 से 200 साल पुरानी हैं। अग्निशमन विभाग ने बताया कि जांच रिपोर्ट के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इमारत के मालिक व दुकानों के संचालन से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है।

यह घटना एक चेतावनी है कि शहरों में पुरानी इमारतों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर त्वरित और कठोर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।

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