भारत का कड़ा फैसला: पाक नागरिकों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश

नई दिल्ली : भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए एक के बाद एक कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। आतंकवादी हमले में अनेक निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाबलों की जानें जाने के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। इसी क्रम में, भारत ने न केवल पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी मौजूदा वीजा रद्द कर दिए हैं, बल्कि उन्हें 27 अप्रैल तक भारत छोड़ने का अंतिम अल्टीमेटम भी दिया है।
गृह मंत्रालय ने गुरुवार को इस आशय की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि मेडिकल वीजा पर भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को दो दिन की अतिरिक्त मोहलत दी जाएगी, लेकिन उन्हें भी 29 अप्रैल तक देश छोड़ना अनिवार्य होगा। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए निर्णयों के अनुरूप, भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है।”
सभी राज्यों को निर्देश: पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर तुरन्त निष्कासन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, खुफिया एजेंसियों और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक के बाद श्री शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे अपने-अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की शीघ्र पहचान कर उन्हें तुरंत भारत से निष्कासित करें।
श्री शाह ने कहा कि यह कदम न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि यह स्पष्ट संदेश देने के लिए भी है कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को इस कार्यवाही के लिए स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों के सहयोग से एक ठोस कार्य योजना तैयार करने को कहा है।
पाकिस्तान के खिलाफ अन्य कदम भी उठाए गए
इस कठोर निर्णय के अलावा भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई और महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं:
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पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित किया गया है।
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भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 की ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
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अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार और यात्रियों की आवाजाही भी रोक दी गई है।
मुंबई हमले के बाद सबसे बड़ा सुरक्षा निर्णय
2008 में मुंबई में हुए 26/11 के हमलों के बाद यह भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ सबसे बड़ा और निर्णायक सुरक्षा निर्णय माना जा रहा है। उस वक्त भी भारत ने कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक मंचों पर कार्रवाई की थी, लेकिन इस बार भारत ने सीधे तौर पर वीजा प्रणाली और भौगोलिक पहुंच को सीमित कर एक स्पष्ट और कठोर रुख दिखाया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
भारत सरकार के इन फैसलों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया का अब इंतजार किया जा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस जैसे बड़े देश पहले ही पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा कर चुके हैं और भारत के साथ एकजुटता जताई है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाएं भारत के इन निर्णयों को किस नजरिए से देखती हैं।
निष्कर्ष
भारत द्वारा उठाए गए यह कदम न केवल उसकी कूटनीतिक दृढ़ता को दर्शाते हैं, बल्कि देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखने की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण हैं। पाकिस्तान के साथ संबंधों में यह एक निर्णायक मोड़ है, जिसमें अब भारत अपनी शर्तों पर संबंधों की पुनःपरिभाषा कर रहा है।