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आईएनएस शिवाजी,भारतीय नौसैनिक स्टेशन, भारत की शान

 (अफ़ज़ाल राना)

देहरादून : आईएनएस शिवाजी महाराष्ट्र के लोनावला में स्थित एक भारतीय नौसैनिक स्टेशन है । इसमें नौसेना इंजीनियरिंग कॉलेज है जो भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों को प्रशिक्षित करता है । इसे 15 फरवरी 1945 को एचएमआईएस शिवाजी के रूप में कमीशन किया गया था। यह भुशी बांध के करीब 876 एकड़ भूमि पर स्थित है। आईएनएस शिवाजी की उत्पत्ति नौसेना डॉकयार्ड, बॉम्बे (अब मुंबई) में एचएमआईएस डलहौजी में ‘स्टोकर्स ट्रेनिंग स्कूल’ के प्रतिस्थापन के रूप में हुई थी। 15 फरवरी 1945 को बॉम्बे के तत्कालीन गवर्नर जॉन कोलविले द्वारा एचएमआईएस शिवाजी के रूप में नियुक्त किया गया, यह 26 जनवरी 1950 को आईएनएस शिवाजी बन गया।

आईएनएस शिवाजी के तीन प्रमुख संस्थान भी संचालित करता है। जिनमे समुद्री इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी केंद्र (सीएमईटी), उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) और परमाणु, जैविक और रासायनिक रक्षा (एनबीसीडी) स्कूल। आईएनएस शिवाजी का नेवल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग बी.टेक. कराता है। यह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय , नई दिल्ली से संबद्ध है । आईएनएस शिवाजी में भारतीय नौसेना के 2800 से अधिक अधिकारियों और 7800 नाविकों को वार्षिक प्रशिक्षण दिया जाता है।

यह दुनिया भर में 20 मित्र देशों की नौसेनाओं के कर्मियों को भी प्रशिक्षित करता है, जिसमें औसतन 250 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षु वार्षिक होते हैं।आईएनएस शिवाजी में एक म्यूज़ियम भी स्थापित किया गया हैं।जिसमें प्राचीन समुद्री बेड़ों से लेकर भाप ,डीज़ल बिजली ओर परमाणु ऊर्ज़ा से चलने वाले पोत को दर्शाया गया हैं।13 फरवरी 2020 को आईएनएस शिवाजी को प्रतिष्ठित प्रेसिडेंट्स कलर्स से सम्मानित किया गया था। प्रेसिडेंट्स कलर सर्वोच्च सम्मान है जो भारत में किसी भी सैन्य इकाई को दिया जा सकता है।

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