Thu. Nov 21st, 2024

रेलवे स्टेशन के नीचे बने थे खुफिया कमरे,अंदर का नजारा देख खड़े हो गए रोंगटे! आ रही थी अजीबोगीरब आवाजें

भूत-प्रेत असल में होते हैं या नहीं, इसपर टिप्पणी करना मुश्किल है। बहुत से लोगों को ऐसी जगहों पर जाना पसंद है जिसे हॉन्टेड या भुतहा माना जाता है। इन जगहों पर ऐसे अनुभव होते हैं जिन्हें शब्दों में बयान कर पाना मुश्किल है। ऐसा ही अनुभव हाल ही में एक रिपोर्टर को हुआ जब वो लंदन के एक रेलवे स्टेशन के नीचे बने खुफिया कमरों में गई और वहां का हाल लोगों को तस्वीर के माध्यम से दिखाया। उन खुफिया कमरों (Waterloo station, London) का हाल चौंकाने वाला है।डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार माय लंदन वेबसाइट की रिपोर्टर एना विल्स को हाल ही में लंदन के बीच में बने वॉटरलू रेलवे स्टेशन के नीचे बने कमरों में जाने का मौका मिला। हजारों यात्री इस बात से अनजान हैं कि हर दिन वे स्टेशन के सबसे भुतहा क्षेत्र माने जाने वाले प्लेटफॉर्म 16 के नीचे बने कमरों के ऊपर से गुजरते हैं। एना ने कहा कि उसके रोंगटे खड़े हो गए जब उसने दीवारों के अंदर से लोगों के बोलने की धीरी आवाजें सुनाई दीं।

 

स्टेशन के नीचे बने थे खुफिया कमरे

जब वो शुरू में घबरा गई थी, तो उसके गाइड ने कहा कि आवाज़ें वास्तव में असली थीं और 175 साल पुराने स्टेशन के नीचे फंसी पर एक खोई हुई आत्मा की नहीं थीं। यह एक अनोखा अनुभव था और हम सभी इससे दूर जाने के लिए काफी उत्सुक थे लेकिन फिर हमें बताया गया कि आवाज़ें असली थीं। इसके पीछे का कारण दीवारों में फंसा भूत होने से कम डरावना था। हमारे टूर गाइड ने हमें बताया कि वास्तव में जो हो रहा था वह यह था कि जहां हम खड़े थे उसके ठीक बगल में एक कमरे के अंदर स्टेशन की सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के लिए परीक्षण किट रखी गई थी इसलिए हम अपने ऊपर की घोषणाओं की धीमी आवाजें सुन रहे थे, साथ ही स्टेशन पर चल रहे अन्य संचार भी सुन रहे थे।

पुराना है वॉटरलू स्टेशन का इतिहास

एना ने बताया कि आवाजें भले ही भुतहा नहीं थीं, पर वहां का अनुभव इतना अजीब था कि वो लोग उस टनल से जल्द बाहर निकलने की कोशिश में लगे थे। हाल ही में वॉटरलू स्टेशन को 175 साल पूरे हुए हैं। 1848 में जब ये खुला था, तब इस स्टेशन से 14 स्टेशनें आती-जाती थीं। एक वक्त तक इस स्टेशन के अंदर ही सिनेमा था। स्टेशन की ओरिजनल बिल्डिंग 1902 में गिर गई थी जिससे वॉटरलू का फैलाव किया गया था और फिर 1941 में हुए एक एयर रेड में वो बिल्डिंग भी गिर गई थी।

 

Sources:News18

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *