इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन एडवांसेज इन कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन्स एंड मैटेरियल्स आयोजित
देहरादून। तुलाज इंस्टिट्यूट ने अपने कॉलेज परिसर में कांफ्रेंस ऑन एडवांसेज़ इन कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन्स एंड मैटेरियल्स की मेजबानी की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओंकार सिंह मौजूद रहे। अपने संबोधन के दौरान, प्रोफेसर ओंकार सिंह ने छात्रों और युवा शोधकर्ताओं को सतत और समग्र तकनीकी विकास पर काम करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की शुरुआत सम्मेलन के जनरल चेयर डॉ. निशांत सक्सेना के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद देवी सरस्वती की पूजा की गई और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। इसके अलावा उद्घाटन सत्र के दौरान, सभी गणमान्य व्यक्तियों ने सम्मेलन स्मारिका को लॉन्च किया।
पहले मुख्य सत्र के दौरान, मलेशिया की टेलर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड असीर्वाथम ने भविष्य के परिसर के लिए ऊपर विचारों पर एक वार्ता दी और आईईईई आईसीएसीसीएम 2022 के बारे में अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। दूसरे मुख्य सत्र के दौरान आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर सुदेब दासगुप्ता ने माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक और वीएलएसआई पर एक अंतर्दृष्टि पूर्ण दृष्टि साझा की। उन्होंने फिनफेट और 5जी और 6जी वायरलेस संचार में इसकी भूमिका के बारे में अपने विचार साझा किए।
सम्मेलन के दूसरे दिन के पहले मुख्य सत्र का आयोजन एसईआरबी नेशनल साइंस चेयर और आईआईटी दिल्ली के एमेरिटस प्रोफेसर, प्रोफेसर भीम सिंह ने किया। अपने सत्र के दौरान, उन्होंने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास और भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के आर्थिक विकास के लिए एक स्थायी वातावरण विकसित करने पर चर्चा करी। दुसरे मुख्य सत्र का आयोजन आईआईटी दिल्ली में सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीपक जोशी ने किया। डॉ. जोशी ने भारत में बायो-मेडिकल इंजीनियरिंग के दायरे पर चर्चा की और बताया कि कैसे प्रोस्थेटिक अंगों का घरेलू विकास नागरिकों को विश्वसनीयता के साथ मदद कर रहा है। कांफ्रेंस में कई जाने माने संस्थानों के शोध विद्वानों और प्रतिष्ठित प्रोफेसरों ने भाग लिया। उन सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में सम्मेलन पत्र प्रस्तुत किये। सम्मेलन का समापन कांफ्रेंस के जनरल चेयर डॉ निशांत सक्सेना ने सभी विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों, प्रतिभागियों और आयोजकों को धन्यवाद देते हुए किया। इस अवसर पर प्रौद्योगिकी के उपाध्यक्ष डॉ. राघव गर्ग, रजिस्ट्रार प्रोफेसर पवन कुमार चौबे, कृषि और प्रबंधन के डीन डॉ. रनित किशोर, अनुसंधान और विकास के डीन डॉ. सुनील सेमवाल, आरएंडडी समन्वयक डॉ. त्रिपुरेश जोशी, ईसीई और ईईई के विभागाध्यक्ष अभिषेक चक्रवर्ती, एएसई के विभागाध्यक्ष मुकेश पाथेला, एमई के विभागाध्यक्ष अंकित जैन, और टीपीओ वैभव कुमार शामिल रहे।