ISRO के SSLV रॉकेट की सफल लॉन्चिंग
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने रविवार को अपने पहले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल SSLV-D1 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया है। इस व्हीकल में दो उपग्रह भेजे गए हैं। लॉन्चिंग सफल रही और रॉकेट ने सही तरीके से काम करते हुए दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया। हालांकि उसके बाद सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गया है। इस पर इसरो का बयान भी सामने आया है।
दरअसल, इसरो ने रविवार सुबह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से अपने पहले लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान SSLV-D1 को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और छात्र-निर्मित एक उपग्रह AzadiSAT के साथ लॉन्च किया। रॉकेट ने सही तरीके से काम करते हुए दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया। लेकिन उसके बाद सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गया। इस पूरे मामले पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि इसरो मिशन कंट्रोल सेंटर लगातार डेटा लिंक हासिल करने का प्रयास कर रहा है। हम जैसे ही लिंक स्थापित कर लेंगे, देश को सूचित करेंगे।
एसएसएलवी के जरिए इसरो ने जिन दो सैटेलाइट्स को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया उनमें EOS02 एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट हैं। जो 10 महीने के लिए अंतरिक्ष में काम करेगा। इसका वजन 142 किलोग्राम है। इसमें मिड और लॉन्ग वेवलेंथ इंफ्रारेड कैमरा लगा है। जिसका रेजोल्यूशन 6 मीटर है। यानी ये रात में भी निगरानी कर सकता है।
जबकि दूसरा AzaadiSAT सैटेलाइट्स है। यह स्पेसकिड्ज इंडिया नाम की देसी निजी स्पेस एजेंसी का स्टूडेंट सैटेलाइट है। इसे देश की 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया है। स्पेस किड्स इंडिया के विद्यार्थियों की टीम ने धरती पर प्रणाली तैयार की जो उपग्रह से डाटा रिसीव करेगी। यह सैटेलाइट नई तकनीक से लैस है जो कि फॉरेस्ट्री, एग्रीकल्चर, जियोलॉजी और हाइड्रोलॉजी जैसे क्षेत्रों में काम करेगा।