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फर्जी खबरों और अश्लीलता पर कड़ा प्रहार जरूरी: प्रो. संजय द्विवेदी

माउंट आबू : भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा है कि देश में फर्जी खबरों और अश्लील सामग्री के विरुद्ध एक व्यापक सामाजिक अभियान छेड़ने की आवश्यकता है। वह रविवार को ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के संवाद सत्र को संबोधित कर रहे थे।

प्रो. द्विवेदी ने कहा, “सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट का निर्माण और प्रसार चरम पर है, जिसे रोकना बेहद जरूरी है। मीडियाकर्मियों को मिलकर अश्लीलता मुक्त भारत के लिए सामाजिक आंदोलन चलाना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय सूचना की अराजकता का दौर है, जहाँ फेक न्यूज, डिसइन्फॉर्मेशन और मिसइन्फॉर्मेशन की भरमार है। प्रो. द्विवेदी के अनुसार, आसानी से उपलब्ध विचारहीन कंटेंट और वायरल ट्रेंड युवाओं के मानसिक विकास को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे सामाजिक मूल्यों में गिरावट और अपराधों में वृद्धि हो रही है।

डिजिटल अनुशासन और मीडिया साक्षरता पर ज़ोर

प्रो. द्विवेदी ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर मर्यादा का उल्लंघन चिंताजनक है। हमें डिजिटल अनुशासन, कड़े कानूनों और सामाजिक जागरूकता की ज़रूरत है, ताकि सोशल मीडिया एक स्वस्थ और सृजनात्मक मंच बना रह सके।”

उन्होंने मीडिया साक्षरता को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि इसे सभी शैक्षिक पाठ्यक्रमों में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही, मोबाइल और डिजिटल संचार के ज़रिये फैल रहे कदाचार और अश्लीलता को रोकने के लिए सख्त कानूनों की मांग की।

प्रो. द्विवेदी ने यह भी कहा कि वर्तमान समय वीडियो, वॉयस और वर्नाक्युलर (भारतीय भाषाओं) का है और हमें वैश्विक स्तर का कंटेंट तैयार कर विश्व मंच पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ानी चाहिए। उन्होंने बताया कि देश में 98 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं और इस माध्यम से प्रसारित सामग्री की निगरानी के लिए एक संगठित प्रणाली की आवश्यकता है।

सत्र का संचालन बीके योगिनी ने किया, जबकि मीडिया विभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतनु ने प्रो. द्विवेदी का स्वागत किया।

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