Fri. Apr 18th, 2025

मीनू की मौत नहीं,सिस्टम की हार है: 2 दिन की भूख, चरित्र पर सवाल ने ली जान

वाराणसी : चौखंडी स्टेशन पर महाकाल एक्सप्रेस के सामने दो मासूम बच्चों के साथ कूदकर विवाहिता की जान देने की घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। मंगलवार को हुई इस घटना की वजह हैरान करने वाली थी। महिला दो दिन से भूखी थी, उसने पड़ोसी से एक किलो आटा मांगा था। इस पर ससुराल वालों ने चरित्रहीन कह कर उसे पीट दिया था। ग्रामीणों के मुताबिक पिटाई से आहत होकर महिला ने आत्मघाती कदम उठाया। मां और दोनों बच्चों का क्षत-विक्षत शव देख कर लोगों का रूह कांप उठा। जंसा थाना क्षेत्र के भदया (हाथी) गांव निवासी अंगद पटेल की पुत्री मीनू (30) की शादी सात साल पहले हरसोस गांव के विकास पटेल के साथ हुई थी।

मीनू के दो पुत्र विपुल (04) और विप्लव (06) थे। विकास सूरत में रहकर प्राइवेट कंपनी में काम करता है। मीनू के भाई कमलेश ने पुलिस को बताया कि विकास उनकी बहन पर शक करता था। इसे लेकर वह अक्सर कॉल कर मीनू को परेशान करता था। मीनू और उसके दोनों बच्चों के भरण-पोषण के लिए भी विकास मदद नहीं करता था। ससुराल के अन्य लोग भी मीनू को प्रताड़ित करते थे। मंगलवार की सुबह सास, ससुर और जेठानी ने मीनू को पीटकर घर से बाहर निकाल दिया था। इससे परेशान होकर उसने जंसा थाने में शिकायत की। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर मीनू को घर भेज दिया। घर पहुंचने पर ससुराल के लोगों ने उसके कमरे में ताला लगा दिया और घर में घुसने नहीं दिया।

इसकी सूचना जब मीनू अपने पति विकास को दी तो उसने भी मदद करने से इनकार कर दिया। मीनू की सूचना पर मायके के लोग पहुंचे तो ससुराल के लोग गालीगलौज करने लगे और उन्हें भगा दिया। परेशान मीनू को कुछ नहीं सूझा तो उसने अपने दोनों बच्चों के साथ ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी। इस मामले में कमलेश की तहरीर पर जंसा थाने में सास सुदामा देवी, ससुर लोदी पटेल, जेठानी रेशमा और पति विकास के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस ने सास-ससुर और जेठानी को हिरासत में ले लिया है। जंसा थानाध्यक्ष दुर्गा सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जाएगा।हरसोस गांव के ग्रामीणों का कहना था कि सास-ससुर और जेठानी की प्रताड़ना से आजिज आकर मीनू शिकायत करने के लिए जंसा थाने की महिला हेल्पडेस्क पर गई थी। पुलिस ने घरेलू विवाद समझ कर कार्रवाई का आश्वासन देकर उसे घर भेज दिया था। काश पुलिस मौके पर चली जाती या फिर सास-ससुर को थाने ही बुलाकर समझा देती तो शायद मीनू अपने दो मासूम बच्चों के साथ जान नहीं देती।

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