चार लाख से 40 करोड़ तक का सफर,यूं अपना रुतबा बढ़ाता गया फर्जी कर्नल
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक सेवानिवृत्त सैनिक को गिरफ्तार किया है, जो खुद को कर्नल बताकर सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी को अंजाम देता था। उसने कई युवाओं से ठगी की थी। इस मामले को लेकर गंगा नगर पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
इस मामले में एसटीएफ ने जब जांच पड़ताल की तो पता चला कि फर्जीवाड़ा करने का आरोपी 40 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी का मालिक है। अब एसटीएफ को फर्जी कर्नल के बेटों की भी तलाश है, जो उसकी प्रॉपर्टी और अन्य कार्य संभालते हैं।
जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ ने जब फर्जी कर्नल सत्यपाल यादव से पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। इसके बाद पुलिस ने फर्जी कर्नल सत्यपाल के दोनों बेटे रजत उर्फ देवेंद्र और प्रशांत के खिलाफ केस दर्ज किया था।
एसटीएफ को मिली जानकारी में पता चला कि फर्जी कर्नल का पूरा परिवार ठगी के काम में शामिल है। शुरुआती जांच में एसटीएफ ने पता चला है कि ये लोग युवाओं को अपना शिकार बनाते थे। ठगी करके इन आरोपियों ने कुछ ही साल में 40 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति अर्जित कर ली थी।
पुलिस का कहना है कि तकरीबन 34 लोगों से ठगी की गई है, जिसमें 10 से 15 लाख रुपए प्रति व्यक्ति लिए जाते थे। आरोपी का बेटा और पूरा परिवार मिलकर ठगी का नेटवर्क संभाल रहा था। सत्यपाल जब रिटायर हुआ था, तब उसके खाते में 4 लाख 30 हजार रुपये थे। धोखाधड़ी करके उसने 40 करोड़ की संपत्ति बना ली। वह कर्नल की वर्दी पहनकर लोगों को ठगी शिकार बनाता था।
आरोपी के यहां से बरामद सामग्री।
पुलिस के मुताबिक, अलग-अलग राज्यों के अभ्यर्थियों से ठगी करने वाला सत्यपाल सिंह यादव खुद को भर्ती बोर्ड का कर्नल बताता था। उसे सोमवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से पांच ज्वाइनिंग लेटर, पांच मोहरें, एक प्रिंटर, एक कर्नल की वर्दी और एक फर्जी पहचान पत्र बरामद हुआ है। खुद को कर्नल बताकर शिक्षित बेरोजगार युवाओं को ठगने वाला यादव केवल 10वीं पास है और 2003 में सेना से नायक के पद से रिटायर हुआ था।
एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ब्रजेश सिंह ने कहा कि मेरठ के कसेरू बक्सर के रहने वाले यादव को सोमवार को आर्मी इंटेलिजेंस और एसटीएफ की मेरठ इकाई की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय वह अपने घर पर था और कुछ लोगों को सेना में भर्ती के बारे में बात कर रहा था।
एएसपी ने बताया कि आरोपी के घर पर मिले एक युवक ने अपनी बहन को सेना में एलडीसी क्लर्क के पद पर भर्ती कराने के लिए दो साल पहले आरोपी को 16 लाख रुपये दिए थे। यह रकम लेने के बाद यादव ने मई में युवक और उसकी बहन के नाम पर ज्वाइनिंग लेटर दे दिया था, लेकिन जब भाई-बहन 7 मई 2023 को ज्वाइनिंग लेटर लेकर रिक्रूटमेंट ऑफिस हेड क्वार्टर लखनऊ पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है। इसके बाद से सेना के अधिकारी सतर्क हो गए।
Sources:AajTak