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कर्नाटक चुनाव: BJP प्रत्याशी अनिल कुमार और 1300 करोड़ के घोटाले का क्या है कनेक्शन?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने मंगलवार को 189 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में बीबीएमपी आयुक्त रहे अनिल कुमार का भी नाम है। बीजेपी ने उन्हें कोराटागेरे निर्वाचन क्षेत्र प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने अनिल के विरोध में कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम डॉ। जी परमेश्वर को मैदान में उतारा है। उन्होंने कहा कि अनिल कुमार एक IAS अधिकारी थे। हमने साथ काम किया था। अब वह बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि कांग्रेस सत्ता में आए, क्योंकि देश में ऐसी कई चीजें हो रही हैं, जो नहीं होनी चाहिए। कर्नाटक चुनाव में अनिल कुमार के नाम की काफी चर्चा है। आम आदमी पार्टी इन पर गंभीर आरोप लगाती आ रही है। आइए जानते हैं कौन हैं अनिल कुमार और AAP इनको लेकर क्यों है हमलावर।

जहां जन्मे उसी से सटे निर्वाचन क्षेत्र से मिला टिकट

अनिल कुमार को कोराटागेरे निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी ने टिकट दिया है। यह इनका प्रभाव क्षेत्र माना जा रहा है। दरअसल इनका इस क्षेत्र से सटे तुमकुरु ग्रामीण के बेलावी गांव से कनेक्शन हैं। यहां इनका जन्म हुआ था। उन्होंने बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से परमाणु भौतिकी में एमएससी की है। उनके पिता बीएच हनुमंत राज एक सेवानिवृत्त विशेष उपायुक्त थे। उनकी मां एल शारदम्मा केपीएससी सदस्य थीं।

एक साल बेंगलुरु महानगर पालिका के कमिश्नर रहे

नेशनल हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अनिल कुमार 2019 से 20 तक बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के कमिश्नर रहे हैं। एक हफ्ते पहले आम आदमी पार्टी के राज्य संचार के प्रभारी बृजेश कलप्पा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि अनिल कुमार कथित तौर पर 1300 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे। उन्होंने दावा किया था कि उनके कार्यकाल के दौरान तीन बड़ी अनियमितताएं हुई थीं।

आम आदमी पार्टी ने लगाए हैं ये तीन आरोप

– कमिश्नर रहते हुए उन्होंने स्मार्ट पार्किंग के लिए 31।6 करोड़ रुपये स्वीकृति कए थे। हालांकि इतना पैसा तय समय में नहीं खर्च किया जा सका। इसके बाद दो करोड़ रुपये और जारी किए गए। उन्होंने बिल्डिंग कंट्रोल सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को इसका ठेका जारी किया था।

– अनिल कुमार जब कमिश्नर थे तो बारिश के पानी की गाद निकलाने के लिए 36 करोड़ रुपये का ठेका मेसर्स योगा एंड कंपनी को दे दिया था। कंपनी ने ठीक से काम नहीं किया तो जब भीषण बारिश हुई तो सड़कों पर पानी भर गया। जरूरत से ज्यादा बजट जारी कर पैसा हड़पने का आरोप लगा।

– बीबीएमपी ने नलकूपों पर 969 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इसमें 49 करोड़ रुपये एक ही जगह पर खर्च कर दिए गए। इस खर्च किए गए बजट की जांच की मांग की गई है। इसके अलावा इंटरनेशनल वेयरहाउस में कोविड के मरीजों के इलाज के लिए ट्रीटमेंट सेंटर खोल दिया गया था।

लोकायुक्त से घोटाले की जांच की मांग
बृजेश कलप्पा ने 1300 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अनिल कुमार ने आयुक्त रहते हुए बड़े पैमाने पर अनियमिमतता की। इन मामलों की जांच बैठनी चाहिए।

RSS और चन्नय्या स्वामीजी के हैं करीबी

ऐसी चर्चा है कि अनिल कुमार की संघ प्रमुख मोहन भागवत और चित्रदुर्ग में गुरुपीठ के प्रमुख श्री मदारा चन्नय्या स्वामीजी से अच्छे संबंध हैं। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में भागवत और अनिल कुमार मौजूद थे, जिसके बाद यह कहा गया कि अनिल कुमार को दोनों का समर्थन हासिल है।

बीजेपी ने 189 उम्मीदवारों के नाम किए घोषित

कर्नाटक चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में कुल 189 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। इस बार उसने 52 नए चेहरों को मौका दिया है। बीजेपी ने 8 महिलाओं, 32 ओबीसी, 30 एससी और 16 एसडी को टिकट दिया है। जिन लोगों को टिकट दिया गया है। उनमें 9 डॉक्टर, रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस, 31 पोस्ट ग्रैजुएट और 5 वकील भी शामिल हैं। असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान ही इस बात पर जोर दिया था कि नए चेहरों को मौका देना जरूरी है, उन्होंने ये भी साफ कहा था कि दागी नेताओं से दूरी बनानी है और परिवारवाद को भी बढ़ावा नहीं देना है। अब उस नसीहत के बाद ही लिस्ट में कई बदलाव किए गए हैं।

कर्नाटक में 10 मई को होगा चुनाव

चुनाव प्रक्रिया की बात करें तो 13 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और 20 अप्रैल तक नामांकन किया जा सकेगा। वहीं 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई को जनता का जनादेश आएगा। इस बार चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी भी उतरी हुई है। पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उसकी तरफ से भी उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी की जा चुकी है। कांग्रेस ने भी लिस्ट जारी कर दी है।

कर्नाटक में यह है मौजूदा सीटों का गणित

कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटें हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी को 120 सीटें, कांग्रेस को 72 और जेडीएस को 30 सीटें मिली थीं। पिछली बार त्रिशंकू स्थिति थी। किसी को भी बहुमत नहीं मिला था। तब कांग्रेस और जेडीएस ने मिलाकर सरकार बनाई थी, लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायक बीजेपी में चले गए थे। इसके बाद राज्य में बीजेपी ने सरकार बना ली थी।

Sources:AajTak

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