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केदारनाथ हेली टिकट ठगी:फर्जी वेबसाइटों से बचें, IRCTC से ही करें बुकिंग

देहरादून : केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अहम चेतावनी सामने आई है। हर साल की तरह इस बार भी हेली सेवा के नाम पर साइबर ठगों ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। ऐसे में अगर आप हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने की योजना बना रहे हैं, तो सावधान रहना बेहद जरूरी है। ज़रा सी लापरवाही आपको हज़ारों रुपये की ठगी का शिकार बना सकती है।

साइबर ठगी रोकने को सक्रिय हुई पुलिस

इस बार ठगों की गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए साइबर पुलिस ने पहले से ही मोर्चा संभाल लिया है। प्रदेश के साइबर थाने में चार अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित कर दी गई है, जिसका पर्यवेक्षण सीओ साइबर अंकुश मिश्रा कर रहे हैं। यह टीम इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फर्जी वेबसाइट्स और फर्जी विज्ञापनों पर लगातार नजर बनाए रखेगी।

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर के अनुसार, इस बार शुरुआत से ही ठगों की चालों को पकड़ने और उनके खिलाफ समय रहते कार्रवाई करने के लिए विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि ज्यादा से ज्यादा फर्जी वेबसाइट्स को ट्रैक करके उन्हें बंद कराया जाए।

2023 में 40 से अधिक मामले हुए थे दर्ज

पिछले वर्ष 2023 में केदारनाथ यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर टिकट बुकिंग के नाम पर साइबर ठगी के 40 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में ठगों ने असली वेबसाइट से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट्स बनाकर लोगों को भ्रमित किया और उनसे हज़ारों रुपये ठग लिए। ठग टिकट के नाम पर नकली पावती (फर्जी टिकट) भेजते थे, जिससे लोग अंतिम समय पर असल टिकट न होने की स्थिति में यात्रा नहीं कर पाते थे।

बंद कराए गए 82 वेबसाइट्स और 45 फेसबुक पेज

जून 2024 तक साइबर पुलिस ने 82 फर्जी वेबसाइट्स और 45 फर्जी फेसबुक पेजों को बंद कराया है। इन पेजों पर हेली सेवा बुकिंग के नाम पर आकर्षक विज्ञापन दिए गए थे, जिनके झांसे में आकर लोग ठगी के शिकार बनते रहे। इन पेजों में ‘एक के साथ एक फ्री’, छूट आदि जैसे लालच देकर लोगों को फंसाया जाता था।

टिकट बुकिंग सिर्फ IRCTC की वेबसाइट से ही

सरकार ने पिछले साल से केदारनाथ हेली सेवा टिकट बुकिंग का अधिकार केवल IRCTC को सौंपा है। इस वर्ष भी यह जिम्मेदारी उसी के पास रहेगी। IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट है:
www.heliyatra.irctc.co.in

इस वेबसाइट पर कोई भी मोबाइल नंबर नहीं दिया गया है, जबकि फर्जी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया विज्ञापनों में मोबाइल नंबर मौजूद होते हैं ताकि लोग कॉल करके ठगों के जाल में फँस जाएं।

कैसे देते हैं ठग लोगों को धोखा?

  • फर्जी वेबसाइट्स पर हेली कंपनियों के असली लोगो और नामों का उपयोग किया जाता है।

  • इन वेबसाइट्स की डिज़ाइन और कंटेंट असली जैसी होती हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बनती है।

  • कांटेक्ट कॉलम में मोबाइल नंबर होता है, जबकि असली वेबसाइट पर ऐसा कोई विकल्प नहीं है।

  • ठगी करने के लिए व्यक्तिगत बैंक खातों में भुगतान कराने को कहा जाता है।

  • असली वेबसाइट पर सुरक्षित पेमेंट गेटवे होता है, जबकि फर्जी वेबसाइट पर पैसे सीधे ठगों के खातों में जमा हो जाते हैं।

  • फर्जी साइट्स टिकटों में छूट, बोनस ऑफर और अन्य प्रलोभन दिखाकर लोगों को आकर्षित करती हैं।

जागरूकता के लिए विशेष अभियान

पुलिस और साइबर टीम द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए ऑनलाइन अभियान भी चलाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया, न्यूज़ पोर्टल्स और अन्य माध्यमों के ज़रिए लोगों को सच्ची जानकारी दी जाएगी ताकि वे ठगी से बच सकें।


निष्कर्ष:
अगर आप इस वर्ष केदारनाथ यात्रा के लिए हेली सेवा का उपयोग करना चाहते हैं तो सिर्फ IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट से ही टिकट बुक करें। किसी भी अनजान वेबसाइट, मोबाइल नंबर या विज्ञापन पर भरोसा न करें। ठगी की किसी भी घटना की सूचना तुरंत नजदीकी साइबर थाने में दें। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।

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