रुद्रप्रयाग -गौरीकुंड हाईवे पर भूस्खलन,हाईवे पर रामपुर में एक होटल जमींदोज
रुद्रप्रयाग : उत्तराखण्ड में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। पहाड़ों पर भूस्खलन से जहां यातायात प्रभावित हुआ है वहीं मकान जमीदोज होने से लोगों को जान भी गवानी पड़ी है। प्राप्त खबर के अनुसार आज सुबह रुद्रप्रयाग -गौरीकुंड हाईवे पर भूस्खलन होने से हाईवे पर रामपुर में एक होटल जमींदोज हो गया। वहीं, अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग के बीच हाइवे कई जगहों पर अवरूद्ध है।
खबर है कि रामपुर का यह होटल शहर का सबसे पुराना होटल था, इसे पहले भी खाली कराया जा चुका था।आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग देश के 10 सबसे अधिक भूस्खलन खतरे वाले जिलों में से नंबर एक पर है। इसकी तस्दीक पिछले तीन.चार दशकों के दौरान जिले में भूस्खलन की वे बड़ी घटनाएं हैं, जिनमें हजारों लोग मारे गए या लापता हो गए। वहीं सोनप्रयाग में अवैध अतिक्रमण के तहत चिह्नित 65 दुकानों में से 40 दुकानों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है।
तीन दिनों में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक कुल 265 दुकानें तोड़ दी गई हैं। ये सभी दुकानें कच्ची व अस्थायी ािीं जो रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड स्टेट हाइवे के दोनों तरफ अवैध तरीके से बनाई गईं थी। मिली जानकारी के मुताबिक कल नायब तहसीलदार के नेतृत्व में सुबह 10 बजे से अतिक्रमण वाली दुकानों को तोड़ने का काम शुरू किया गया था जो दोपहर तक प्रशासन की टीम ने मशीन की मदद से सभी दुकानें ध्वस्त कर दी थीं।
नायब तहसीलदार ने बताया कि सोनप्रयाग में शटल टैक्सी सेवा स्टैंड से बस स्टेशन तक 65 दुकानें अवैध चिह्नित की गईं थी। 25 दुकानें बीते रविवार को तोड़ दी गईं थी। इस दौरान शेष दुकानों से जुड़े लोगों ने भी अपना सामान समेट लिया था। ये भी बता दें कि इससे पूर्व बीते पांच अगस्त को गौरीकुंड में 40 अवैध कच्ची दुकानों को तोड़ा गया था। जबकि रविवार को गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक 175 दुकानें ध्वस्त की गईं थीं। उप जिलाधिकारी ने बताया कि सभी दुकानों को अवैध अतिक्रमण व सुरक्षा की दृष्टि से तोड़ा गया है।