मिलेट मिशन,एरोमा खेतीऔर ब्रांडिंग को मिलेगा बढ़ावा:कृषि मंत्री ने दिए निर्देश

देहरादून : कृषि मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को अपने कैंप कार्यालय में कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। बैठक का उद्देश्य हाल ही में कैबिनेट से पारित की गई प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा तय करना रहा।
मंत्री ने ‘कीवी नीति-2025’, ‘ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग स्कीम’ और ‘उत्तराखंड स्टेट मिलेट मिशन’ को धरातल पर उतारने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से राज्य के किसानों को न केवल वैकल्पिक कृषि की ओर प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि उनकी आमदनी में भी बढ़ोत्तरी सुनिश्चित होगी।
जोशी ने प्रदेश में ग्रेड-सी श्रेणी के फलों के बेहतर उपयोग के लिए ‘फ्रूट जूस विक्रय केंद्र’ स्थापित करने की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल फलों की बर्बादी रुकेगी, बल्कि किसानों को सीधा आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
किसानों की सुरक्षा भी प्राथमिकता में
कृषि मंत्री ने घेरबाड़ से जुड़ी योजनाओं पर तेजी से काम करने को कहा, ताकि जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने मार्केटिंग बोर्ड की भूमिका को प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि उसे अपने मूल उद्देश्य के अनुरूप कार्य करना चाहिए।
ब्रांडिंग और एरोमा सेक्टर पर विशेष फोकस
उन्होंने प्रदेश में उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। साथ ही, एरोमा खेती की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए निर्देश दिए कि राज्य के पर्यावरण के अनुकूल एरोमा फसलों को बढ़ावा दिया जाए।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि जन-जन तक पहुंचें। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में सचिव कृषि एसएन पांडे, अपर सचिव डॉ. आनन्द श्रीवास्तव, कृषि निदेशक केसी पाठक, संयुक्त निदेशक रतन सिंह, निदेशक कैप्टन नृपेन्द्र सिंह चौहान, महेन्द्र पाल, जैविक मिशन के एमडी विनय कुमार और नरेन्द्र यादव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।