32वें ICAE सम्मेलन मे बोले मोदी, भारत एक खाद्य अधिशेष वाला देश
प्रधानमंत्री मोदी कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछली बार जब सम्मेलन भारत में हुआ था वो भारत की कृषि औक खाद्य सुरक्षा को लेकर चुनौतीपूर्ण समय था। भारत को नई-नई आज़ादी मिली थी। आज भारत एक खाद्य अधिशेष वाला देश है। आज भारत दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है…. आज भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और वैश्विक पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है।
भारत में कृषि से जुड़ी शिक्षा और अनुसंधान से जुड़ा एक मजबूत इकोसिस्टम बना हुआ है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के ही 100 से ज्यादा रिसर्च संस्थान हैं।भारत में कृषि और उससे संबंधित विषयों की पढ़ाई के लिए 500 से ज्यादा कॉलेज हैं। भारत में 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र हैं जो किसानों तक नई तकनीक पहुंचाने में मदद करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत जितना प्राचीन है उतनी ही प्राचीन कृषि और भोजन को लेकर हमारी मान्यताएं हैं, हमारे अनुभव हैं।
भारतीय कृषि परंपरा में विज्ञान को प्राथमिकता दी गई है… हजारों साल पहले हमारे ग्रंथों में कहा गया है कि सभी पदार्थों में अन्न श्रेष्ठ है इसलिए अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप उनका मूल कहा गया है।केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की कृषि विकास दर दुनिया में सबसे ज्यादा बनी हुई है। उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ भारत की चिंता भी रही है कि वो उत्पादन मानव शरीर के लिए भी और मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित उत्पादन हो …. भारत अब प्राकृतिक खेती पर बल दे रहा है।