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खतरे में नौनिहाल,दो बल्लियों पर टिकी है छत,कभी भी हो सकता है हादसा

अल्मोड़ा: जनपद के रानीखेत सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के बद से बदतर हालात देखने हों तो ताड़ीखेत विकासखंड का प्राथमिक विद्यालय वलनी इसका जीवंत उदाहरण है। स्कूल की छत खस्ताहाल हो चुकी है जो कभी भी गिर सकती है।सरकारी सिस्टम की अनदेखी का आलम ये है कि सिर्फ दो बल्लियों के सहारे टिकी छत के नीचे 20 विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। खतरा दस कदर है कि यदि कभी बल्लियां गिरीं तो स्कूल की जर्जर छत नौनिहालों की जिन्दगी पर भारी पड़ सकती है।

ऐसे में बल्लियों के सहारे टिकी ताड़ीखेत के प्राथमिक विद्यालय वलनी की छत और इस पर पड़ी दरारें। अभिभावक भी अपने बच्चों के जीवन को लेकर चिंतित हैं और हर रोज उनके घर लौटने तक उनकी नजर रास्ते पर टिकी रहती हैं।सकूल के सुधारीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति के बाद ही कार्य संभव है। विद्यालय को पंचायत घर या किराये के भवन में संचालित करने के आदेश दिए गए हैं।

.रोशन लाल टम्टा, प्रभारी बीईओ, ताडीखेत

कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ही सीएम पोर्टल पर मामले की जानकारी दी गई है। अब तक जर्जर सकूल की सुध नहीं ली गई। किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है।
.महेंद्र सिंह रावत, ग्राम प्रधान, वलनी

बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक उन्हें इस स्कूल में नहीं भेज रहे। ऐसे में यहां छात्रसंख्या लगातार कम हो रही है। सकूल की सुरक्षा के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए।
.नंदन सिंह।

आलम ये है कि बारिश के मौसम में छात्रों और शिक्षकों की दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है। छत से लगातार पानी टपक रहा है। दरारें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में बारिश होने पर नौनिहालों को को स्कूल के बगल के घर में पढ़ाना शिक्षकों की मजबूरी बन गया है।

ग्राम प्रधान महेंद्र रावत सहित अन्य अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चे खतरे के बीच पड़ रहे हैं। अपने बच्चों के सुरक्षित भविष्य को लेकर वे सीएम पोर्टल से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने स्कूल के सुधारीकरण की गुहार लगा चुके हैं लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।

Sources: Amarujala

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