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अब भाजपा के साथ जाना मुमकिन नहीं,मर जाना कबूल : नीतीश कुमार

सियासत ही एक ऐसी चीज है जिसका तापमान बेमौसम करवटें लेता रहता है। वैसे भी अब सियासत के मायने ही बदल गये अगर यूं कह लें कि अब सियासत अवसरवादिता की हो गई तो शायद गलत न होगा। कभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुरीद रहे बिहार के मुख्यमंत्री का अब मोह भंग हो गया लेकिन उनका हालिया बयान भी तब आया जब उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ा।

आपको बता दें कि इन दिनों बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार खूब गर्म है। नीतीश के पुराने सहयोगी और वर्तमान में विपक्षी बने नेताओं के बीच जुबानी जंग भी खूब चल रही है। कभी न साथ आने और जीने-मरने की कसमें भी खाई जाने लगी है। आपको बता दें कि ये शुरुआत भाजपा की तरफ से हुई है। भाजपा की तरफ से ये बयान आया कि अब नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाजे बंद हो गये। जिसपर नीतीश कुमार की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया दी गई।

नीतीश कुमार ने दो टूक कहा कि उन्हें मर जाना कबूल है,लेकिन अब बीजेपी कबूल नहीं। दरअसल, महात्मा गांधी की पुण्यतिथी के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में कहा कि बापू तो सबको बचा रहे थे, सबको साथ लेकर चलते थे इसलिए उनकी हत्या हुई। नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग अटलजी को मानने वाले लोग हैं। उन्होंने दावा किया कि हमने बीजेपी को छोड़ दिया था। लेकिन वे जबरदस्ती पीछे पड़ कर साथ आए। 2020 में हम तो मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते थे लेकिन इन्होंने जो किया सबने देखा। हम लोगों ने इन्हें कितनी इज्जत दी वे बता दें कि इससे पहले बीजेपी की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि समूचे राज्य के पार्टी कार्यकर्ताओं को साफ बता दिया गया है कि ‘अलोकप्रिय’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फिर से हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं है।

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