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योजनाओ के क्रियान्वयन के लिएअधिकारी रुटीन प्रक्रिया से अलग सोचें :पाण्डेय

पौड़ी  : उपरोक्त दिशा-निर्देश सचिव मा0 मुख्यमंत्री जी, आवास एवं वित्त डॉ0 सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय ने कलेक्ट्रेट सभागार में केन्द्र पोषित, राज्य पोषित और अन्य सहायतित विभागीय योजनाओं और कार्यो की समीक्षा बैठक में दिये।बैठक में सर्वप्रथम विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से जनपद भ्रमण पर पूर्व में आये सचिवों व शासन के उच्चाधिकारियों द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों की अनुपालन आख्या का विवरण प्रस्तुत किया गया।इस दौरान सचिव डॉ एसएन पाण्डेय ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजनाओ और कार्यक्रमों का बेहतर क्रियान्वयन करने के लिए विभागीय अधिकारी आपनी रुटीन प्रक्रिया से अलग सोचें तथा अपने कार्यो का बेहतर और ऑथेन्टिक डेटा रखें जिससे बेहतर आउटकम प्राप्त किया जा सके।

उन्होने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में अन्तर्विभागीय समन्वय बेहतर रखें, क्रियान्वयन की कठिनाईयों को जानें तथा उसका अपने स्तर पर, अन्तर्विभागीय स्तर पर तथा शासन स्तर पर जहॉ से भी समाधान हो सकता है, समाधान तलाशें।जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान उन्होने उत्तराखण्ड जल संस्थान, जल निगम, स्वजल आदि विभागों को निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन के पूर्व और वर्तमान समय तक पेयजल की उपलब्धता, डिमाण्ड गुणवत्ता, जल जनित बिमारियों की यदि कोई क्षेत्र विशेष में संभावना हो इत्यादि की वैज्ञानिक, सामाजिक व आर्थिक स्टडी करें कि योजना से पूर्व और वर्तमान में इन मानकों में क्या बदलाव आया है, ताकि उसी अनुरुप सुधार किया जा सके।

सचिव ने बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि बच्चों और महिलाओं के सम्बंध में बाल लिंगानुपात संतुलन, सुरक्षित प्रसव, महिला व बाल मृत्यु दर व बिमारी इत्यादि के किसी भी जोखिम को कम करने का गम्भीरता से प्रयास करें तथा बच्चों और महिलाओं के लिए समर्पित योजनाओं और कार्यक्रमों का व्यवहारिक रुप से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिये।उन्होंने परियोजना निदेशक डीआरडीए और समस्त नगर निकायों को स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से संचालित की जाने वाली राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत क्रमशः ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में मॉडल (आत्मनिर्भर और बेहतर वित्तीय निर्भरता) वाले स्वंय सहायता समूहों को चिन्हित करते हुए उनके माध्यम से अन्य स्वंय सहायता समूहों को प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिये। ताकि अपनों के बीच से ही स्वयं सहायता समूह प्रेरित हो सके तथा वित्तीय आत्मनिर्भरता  की ओर तेजी से बढ़ सके।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के साथ-साथ उद्योग, पर्यटन तथा अन्य विभागों की ऐसी सभी स्वरोजगारपरक योजनाओं का सर्वे करें कि वर्तमान समय में भी कितनें लोग उन योजनाओं के अनुरूप स्वरोजगारपरक गतिविधियों में शामिल है और कितनों ने छोड़ दिया है तथा यह स्वरोजगारपरक योजनाएं जनपद में अभी तक कितनी प्रभावी रही हैं।सचिव ने मत्स्य विभाग को निर्देशित किया कि विभिन्न क्षेत्रों में मत्स्य की डिमांड और पूर्ति का अध्ययन करते हुए इसका भी निष्कर्ष निकालें की यदि किसी क्षेत्र में अधिक डिमांड है तो अभी उसकी पूर्ति कहां से हो रही है। पर्यटन विभाग को सभी होमस्टे का अनिवार्य पंजीकरण तथा होमस्टे में उपलब्ध समस्त सुविधाओं की स्पष्ट जानकारी साझा करने के निर्देश दिये।सचिव ने पुलिस विभाग की निर्देशित किया कि विभिन्न क्षेत्रों में अपराधों की स्थिति, प्रकृति, उसके कारण इत्यादि(नशा, भूमि मामले, अन्य अवैध गतिविधियों इत्यादि) का सामाजिक, आर्थिक इत्यादि के दृष्टिगत सर्वे करें साथ ही अभियोजन से संबंधित मामलों में पुलिस विभाग की ओर से गवाह-सबूत बेहतर तरीके से प्रबंधित हों ताकि कोई भी अपराधी न्यायालय से बरी न हो सके तथा अपराधी को अपराध की कानून के अनुरूप सजा मिल सके।

जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने इस अवसर पर जनपद में विभिन्न क्षेत्रों में पार्किंग, टूरिज्म, अवस्थापना विकास, सैनिक क्षेत्रों में तथा वन क्षेत्रों से सटे क्षेत्रों में मूलभूत व अवस्थापना सुविधाओं के विकास से संबंधित आ रही कठिनाईयों से अवगत कराया तथा शासन स्तर से उस संबंध में उचित निर्णय, मार्गदर्शन और अनुमोदित हेतु सचिव को अवगत कराया।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, परियोजना निदेशक डीआरडीए संजीव कुमार राय, अपर पुलिस अधिक्षक जया बलूनी, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद्र, जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर, मुख्य चिकित्साधिकारी प्रवीण कुमार, जिला मत्स्य प्रभारी अभिषेक मिश्रा, जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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