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पॉलीहाउस खेती बनेगी किसानों की आर्थिक मजबूती का आधार: कृषि मंत्री

देहरादून : जनपद देहरादून के 28 प्रगतिशील सब्जी उत्पादक कृषकों का एक समूह सोमवार को गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के लिए रवाना हुआ। इन कृषकों को प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने पांच दिवसीय संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण के लिए बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषकों को आधुनिक तकनीकों से परिचित कराने और पॉलीहाउस खेती के माध्यम से आय में वृद्धि के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस के माध्यम से सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, जिससे किसान मौसम की मार से बचते हुए सालभर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन कर सकें। मंत्री ने कहा कि इस तरह के व्यवहारिक प्रशिक्षणों से कृषक न केवल नई तकनीक सीखते हैं, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है और वे अपने क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बनते हैं।

उन्होंने बताया कि संरक्षित खेती राज्य के कृषकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रही है। वर्तमान में नाबार्ड योजनान्तर्गत 50 से 500 वर्गमीटर तक के पॉलीहाउस के लिए कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। अब तक 300 से अधिक किसानों द्वारा इस योजना के तहत 20 प्रतिशत कृषकांश जमा किया जा चुका है, जिससे यह स्पष्ट है कि किसान नई तकनीकों को अपनाने के प्रति उत्साहित हैं।

इस प्रशिक्षण दल का नेतृत्व तहसीन खान और नूतन राणा, सहायक विकास अधिकारी, देहरादून द्वारा किया जा रहा है। इस दल में देहरादून से 8, सहसपुर से 2, डोईवाला से 3, रायवाला से 4, विकासनगर से 2, कालसी से 3 तथा सहिया, त्यूनी, कोटी कनासर, चकराता, लांघा और थानों से एक-एक कृषक शामिल हैं।

कृषि मंत्री ने प्रशिक्षण पर रवाना होने से पहले कृषकों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि वे पंतनगर विश्वविद्यालय से प्राप्त अनुभव और ज्ञान को अपने गांवों में साझा करें ताकि अधिक से अधिक किसान संरक्षित खेती की ओर अग्रसर हों।

इस अवसर पर कैन्ट विधायक सविता कपूर, उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड के सदस्य निरंजन डोभाल, मुख्य उद्यान अधिकारी डी.के. तिवारी सहित बड़ी संख्या में किसान और कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन कृषकों के उत्साह और राज्य सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों की सराहना के साथ हुआ।

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