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28 मई को प्रधानमंत्री करेंगे नए संसद भवन का उद्घाटन

नई दिल्ली: 28 मई को नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्हें इसका उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ का प्रतीक है। बताया जा रहा है कि नया भवन रिकॉर्ड समय में गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ तैयार किया गया है।

सत्तारूढ़ भाजपा सरकार भी 29 मई को सत्ता में आने के नौ साल का जश्न मनाएगी। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, आगामी मानसून सत्र नए भवन में आयोजित किए जाने की संभावना हैं। लोकसभा तथा राज्यसभा ने पांच अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का शिलान्यास किया गया था।

नवनिर्मित संसद भवन में क्या है खास

नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का मुख्य आकर्षण होगा, जिसका उद्देश्य भारत के केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र का पुनरुद्धार करना है, जो रायसीना हिल, नई दिल्ली में स्थित है। पूरी परियोजना की लागत हजारों करोड़ रुपये है और इसका निर्माण शीर्ष स्तर का है। नए संसद भवन में भविष्य में विस्तार को ध्यान में रखते हुए अधिक संख्या में सांसदों को समायोजित करने के लिए बैठने की क्षमता में वृद्धि की गई है। यह राजपथ पर वर्तमान संसद भवन के पास स्थित है और इसमें नई और बेहतर सुविधाए मौजूद हैं।

सेंट्रल विस्टा परियोजना के आधिकारिक ब्योरे के अनुसार, नए संसद भवन के निर्माण में 862 करोड़ रुपये की भारी लागत आई है। पूरे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की निर्माण लागत 13,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इमारत भूकंप रोधी होगी और इसकी स्थापत्य शैली भारत के विभिन्न हिस्सों से ली गई है। चार मंजिला नये संसद भवन के अंतर्गत लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है।

इमारत में लोकसभा और राज्यसभा के कामकाज के लिए दो बड़े हॉल हैं। संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक ओर भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं एवं संवैधानिक मूल्यों को और अधिक समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से निष्पादित करने में सहायता मिलेगी।

संसद की नई इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। संसद के वर्तमान भवन का निर्माण 1927 में हुआ था।

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