गौ माता की रक्षा, संस्कृति की रक्षाः भारती
देहरादून। गुरुदेव आशुतोष महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से 13 नवंबर तक रामलीला ग्राउन्ड, कंझावला रोड, सेक्टर-21, रोहिणी, दिल्ली में भव्य श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा के चतुर्थ दिवस आशुतोष महाराज की शिष्या एवं मानस मर्मज्ञा साध्वी श्रेया भारती ने सीता स्वयंवर प्रसंग में बताया कि किस प्रकार प्रभु श्री राम जी अपनी दिव्य लीलाओं को करते हुए गुरूकुल से अपनी शिक्षा का अध्ययन करते हुए अयोध्या में पुनरू लौटते हैं। उसके बाद विश्वामित्र राजा दशरथ के पास प्रभु श्री राम व लक्ष्मण को मांगते हैं और श्री राम अपने कार्य की पृष्ठ भूमि तैयार करते हुए मार्ग में ताड़का का वध करते हैं व आगे बढ़ते हुए गौतम ऋषि की पत्नी अहल्या का उद्धार करते हैं एवं यज्ञ की रक्षा के बाद गुरु विश्वामित्र जी के साथ जनकपुरी में प्रवेश करते हैं। और भगवान शिव के धनुष को भंग कर जानकी जी से विवाह करते है। विवाह उत्सव में माताएं गोदान करती है। साध्वी जी ने कहा कि गाय हमारी संस्कृति का आधार और समाज का मेरुदंड है जिसे सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा गाय की रक्षा ही भारत की रक्षा है गाय की रक्षा ही संस्कृति की रक्षा है इसलिये उठो अपनी संस्कृति और संस्कारों को जान समझ अपनी गाय माता को सुरक्षित करो जो हमारी कृषि तंत्र का आधार है जो पर्यावरण की दात्री है जो समाज का आधार हो उसे संरक्षित करो उठो भारत वासियों चलो संस्कृति की ओर बढो गाय की ओर।