नूंह में बुलडोजर एक्शन पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लगाई रोक
पिछले सप्ताह की शुरुआत में झड़पों के दौरान एक धार्मिक यात्रा पर कथित तौर पर पथराव किये जाने के बाद एक्शन में आई सरकार ने संदिग्धों के घरों पर बुलडोजर कार्यवाही शुरू करके मकानों को तोड़ना शुरू कर यिा था। इस कार्यवाही का स्वतः संज्ञान लेते हुये पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। न्यायलय के आदेश देने के बाद नूंह प्रशासन ने आज सोमवार को जिले में विध्वंस अभियान रोक दिया है।
न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया की पीठ ने नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के बाद हुई तोड़फोड़ का स्वतः संज्ञान लिया और सरकार से अगले आदेश तक तोड़फोड़ रोकने को कहा। उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि प्रशासन ने संबंधित टीमों को विध्वंस अभियान को तत्काल प्रभाव से रोकने और अतिक्रमित भूमि पर किसी भी अवैध निर्माण को रोकने के लिए कहा है। अदालत ने प्रभावित पक्षों को कोई नोटिस दिए बिना संरचनाओं को गिराने के लिए सरकार के विध्वंस अभियान पर भी सवाल उठाया है।
उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप तब आया जब विध्वंस अभियान पांचवें दिन में प्रवेश कर गया था । आपको बता दें कि पिछले चार दिनों में जिला प्रशासन ने 750 से अधिक इमारतों और संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा आयोजित एक हिंदू धार्मिक जुलूस पर भीड़ द्वारा हमला करने के बाद 31 जुलाई को नूंह में सांप्रदायिक झड़पें भड़कने के बाद विध्वंस अभियान शुरू किया गया था। इसके बाद हिंसा हरियाणा के अन्य हिस्सों में फैल गई जिसमें छह लोगों की मौत हो गई।
वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विशेष कर्तव्य अधिकारी ने रविवार को कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक संदिग्धों के सभी घर और संपत्तियां ध्वस्त नहीं कर दी जातीं। ‘ उन्होंने शांति और सद्भाव को बाधित किया है और उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने जानबूझकर और योजना बनाकर हिंदू यात्रा पर हमला किया, जिसमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे। ’’ हरियाणा के अधिकारियों ने हिंसा प्रभावित नूंह जिले में एक होटल.सह.रेस्तरां सहित उन कई अवैध ढांचों को रविवार को ढहा दिया, जहां से पिछले सप्ताह की शुरुआत में झड़पों के दौरान एक धार्मिक यात्रा पर कथित तौर पर पथराव किया गया था।