उत्तर भारत में बारिश का कहर, अब तक 19 की मौत
इन दिनों समूचा उत्तर भारत मूसलाधार बारिश से सैलाब जैसे हालात से गुजर रहा है। वहीं कुछ पहाड़ी राज्यों में अगले चौबीस घंटों में भारी बारिश की चेतावनी के चलते प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है। इस बीचए कई राज्यों में बारिश थमने के बाद जल निकासी के प्रयास युद्धस्तर पर चल रहे हैं तो वहीं महानगरों में सोमवार का पहला कामकाजी दिन होने के चलते ट्रैफिक रेंगता हुआ देखा गया क्योंकि सड़कों पर पानी भरा था। हम आपको यह भी बता दें कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में रविवार को भी मूसलाधार बारिश हुई और भूस्खलन एवं वर्षा जनित विभिन्न घटनाओं में 19 लोगों की मौत हो गई। दिल्ली में तो यमुना सहित देश के उत्तरी क्षेत्र में कई नदियां उफान पर हैं। कई शहरों और कस्बों में सड़कें तथा आवासीय क्षेत्र घुटनों तक पानी में डूब गए और रिकॉर्ड बारिश के चलते निकाय व्यवस्था पंगु नजर आई। अचानक आई बाढ़ से पर्वतीय इलाकों में सड़कें बह गईं। इस बीचए अधिकारियों ने पर्यटकों से मौसम में सुधार के बाद यात्रा की योजना बनाने को कहा। हिमाचल प्रदेशए उत्तराखंड और दिल्ली तथा अन्य स्थानों के लोगों द्वारा जलमग्न सड़कों पर कागज की नावों की तरह तैरते वाहनए आवासीय क्षेत्रों में गंदा पानी घुसनेए उफनती नदियों और भूमि के धंसने के कारण तटों पर डूबे हुए मंदिर और अन्य संरचनाओं की तस्वीरें ऑनलाइन साझा की गईं।
वहीं जम्मू.कश्मीरए लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई हैए जबकि दिल्ली में अधिकारियों ने यमुना के बढ़ते जल स्तर को लेकर चेतावनी दी है। राष्ट्रीय राजधानी में 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। वहीं शिमला मौसम कार्यालय के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सोलन में रविवार को 135 मिमी बारिश हुईए जिससे 1971 में एक दिन में 105 मिमी बारिश का 50 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गयाए जबकि ऊना में 1993 के बाद सबसे अधिक बारिश हुई।इस बीचए अधिकारियों के मुताबिकए सामान्य जनजीवन ठप होने के कारण दिल्ली और इसके आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ;एनसीआरद्ध शहरों गुरुग्राम और नोएडा में स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे। गाजियाबाद में बारिश के कारण दो दिन और उसके बाद ष्कांवड़ यात्राष् के कारण 17 जुलाई तक स्कूल बंद रहेंगे।भारी बारिश से रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। उत्तर रेलवे ने कहा कि लगभग 17 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं और लगभग 12 अन्य का मार्ग बदला गया है। जलभराव के कारण चार स्थानों पर यातायात रोक दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में 10 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश के पूर्वानुमान को लेकर ष्रेड अलर्टष् जारी किया गया है। राज्य में भूस्खलन की तीन अलग.अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। शिमला जिले के कोटगढ़ इलाके में भूस्खलन के चलते एक मकान के ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गईए जबकि कुल्लू और चंबा जिलों से एक.एक व्यक्ति की मौत की सूचना है। हिमाचल प्रदेश आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसारए पिछले 36 घंटों में चौदह बड़े भूस्खलन और अचानक बाढ़ की 13 घटनाओं की सूचना मिली हैए जबकि 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं।
इस बीच,उत्तराखंड में ऋषिकेश.बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुलर के पास भूस्खलन के चलते एक जीप के नदी में गिरने से तीन तीर्थयात्री गंगा में डूब गए। राज्य आपदा मोचन बल और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि जीप में 11 लोग सवार थे। उन्होंने बताया कि पांच लोगों को बचा लिया गया हैए जबकि तीन अन्य की तलाश जारी है और बचावकर्मियों ने तीन शव बरामद कर लिए हैं। वहींए राज्य के काशीपुर इलाके में दो मकान गिरने से एक दंपती की मौत हो गई और उनकी पोती घायल हो गई।इस बीचए जम्मू.कश्मीर में डोडा जिले में एक यात्री बस के भूस्खलन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई। केंद्रशासित प्रदेश के पुंछ जिले में शनिवार को डोगरा नाला पार करते समय अचानक आई बाढ़ में बहे दो सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। श्रीनगर में भारी बारिश से कुछ राहत मिली और तीन दिन तक निलंबित रहने के बाद रविवार को पंजतरणी और शेषनाग आधार शिविरों से अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू हो गई। जम्मू.कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ.साथ लद्दाख से भी हिमपात की खबरें हैंए जहां भारी बारिश को लेकर ष्रेड अलर्ट जारी किया गया है। नदियों में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने के साथ जम्मू.कश्मीर के कठुआ और सांबा जिलों के साथ ही निचले जलग्रहण क्षेत्रों के लिए ष्रेड अलर्टष् जारी किया गया है।इसके अलावाए पर्वतीय राज्यों में अचानक आई बाढ़ से कई लोग फंस गए। हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति के चंद्रताल में लगभग 200 लोग फंस गए और ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण चंडीगढ़.मनाली राजमार्ग का एक हिस्सा बह गया।
अचानक बाढ़ से भूस्खलन और भू.धंसाव के कारण उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों तक सड़क मार्ग से पहुंचना मुश्किल हो गया है। हिमाचल प्रदेश मेंए मनाली में दुकानें बहने और कुल्लूए किन्नौर तथा चंबा में नालों में उफान से वाहनों के बह जाने की भी सूचना मिली हैं। पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में भारी मॉनसूनी बारिश के कारण निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया और बाढ़ आ गईए जिससे सबसे अधिक प्रभावित स्थानों पर अधिकारियों को कार्रवाई में जुटना पड़ा। पंजाब सरकार ने मंत्रियोंए उपायुक्तोंए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। हरियाणा में तीन नदियां मारकंडाए घग्गर और टांगरी के खतरे के निशान के करीब बहने के बीच बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। भारी बारिश के कारण राज्य के गुरुग्राम के कई हिस्सों में गंभीर जलजमाव और यातायात जाम हो गया। प्रशासन ने कॉरपोरेट घरानों को सोमवार को घर से काम करने और स्कूलों को छुट्टी की घोषणा करने की सलाह दी।दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बारिश के मद्देनजर सभी स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे। राष्ट्रीय राजधानी में जलभराव के कारण यातायात संबंधी दिक्कतें पैदा हुईं और लोगों को जलमग्न सड़कों से गुजरना पड़ा। बारिश के चलते सड़कों पर वाहन फंस गए और भूमिगत मार्गों में पानी भर गया। मुख्यमंत्री आज इस मुद्दे पर बैठक भी करने वाले हैं।उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश होने की खबर हैए जहां रविवार को कौशांबी में बारिश के कारण घर के टिन शेड पर पेड़ की शाखा गिरने से 10 वर्षीय एक लड़की की मौत हो गई।
वहीं, मुजफ्फरनगर में भारी बारिश के कारण घर की छत गिरने से एक महिला और उसकी छह साल की बेटी की मौत हो गई। राज्य के बलिया में शनिवार को बिजली गिरने की अलग.अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। राजस्थान में कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई जबकि कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हुई।आईएमडी ने कहा कि जुलाई के पहले आठ दिनों में भारत के कई हिस्सों में हुई भरपूर बारिश ने पूरे देश में बारिश की कमी को पूरा कर दिया है। मॉनसून के मौसम में कुल वर्षा 243ण्2 मिमी तक पहुंच गई हैए जो सामान्य 239ण्1 मिमी से दो प्रतिशत अधिक है। हालांकिए वर्षा के मामले में बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय भिन्नताएँ हैं। आईएमडी के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में बारिश में 17 प्रतिशत ;सामान्य 454 मिमी के मुकाबले 375ण्3 मिमीद्ध की कमी दर्ज की गई हैए जबकि उत्तर भारत में 59 प्रतिशत अधिक बारिश ;सामान्य 125ण्5 फीसदी के मुकाबले 199ण्7 मिमीद्ध दर्ज की गई है। मध्य भारतए जहां बड़ी संख्या में किसान मॉनसूनी बारिश पर निर्भर हैंए वहां सामान्य 255ण्1 मिमी की तुलना में 264ण्9 मिमी बारिश दर्ज की गई हैए जो चार प्रतिशत अधिक है। दक्षिण भारत में वर्षा की कमी 45 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत रह गई है। आईएमडी ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवाओं के बीच परस्पर क्रिया के कारण उत्तर पश्चिमी भारत में तेज वर्षा हो रही हैए जिसमें दिल्ली भी शामिल है जहां मौसम की पहली ष्ष्अति भारीष्ष् बारिश हुई।