सचिवालय फर्जी नियुक्ति पत्र मामला,दो पर मुकदमा,तीसरे की तलाश
देहरादून: सचिवालय में एक बार फिर नौकरी के लिए फर्जी नियुक्तिपत्र दिखाने का मामला सामने आया है। नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने नियुक्तिपत्र लेकर सचिवालय पहुंची महिला व एक अन्य को हिरासत में लिया है।पुलिस ने मामले में दोनों आरोपित महिलाओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। पूछताछ में सामने आया है कि किसी तीसरे व्यक्ति ने यह नियुक्तिपत्र दिया थाए जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है।आरोपित की गिरफ्तारी के बाद पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी। नेहरू कालोनी थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा के अनुसारए शुक्रवार सुबह एक महिला एक व्यक्ति के साथ विधानसभा गेट पर पहुंची।महिला ने सचिवालय गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी को एक पत्र दिखाते हुए कहा कि उसकी नियुक्ति विधानसभा सचिवालय में विधानसभा रक्षक के पद पर हुई है।
वह कार्यभार ग्रहण करने के लिए आई है। महिला ने अपना नाम सोनल भट्ट निवासी खदरी खड़कमाफ ऋषिकेश बताया। सुरक्षाकर्मी ने संबंधित विभाग में नियुक्तिपत्र भिजवाया।नियुक्तिपत्र फर्जी प्रतीत हुआ तो महिला से पूछताछ की गई। महिला ने बताया कि उन्हें यह नियुक्तिपत्र रविकांता शर्मा निवासी अलकनंदा एन्क्लेव जोगीवाला ने दिया है। सचिवालय सुरक्षा निरीक्षक उम्मेद सिंह चौहान महिला को लेकर नेहरू कालोनी थाने पहुंचे। थाने में जब पुलिस ने पूछताछ की तो महिला ने बताया कि वर्ष 2021 में सचिवालय रक्षक की भर्ती निकली थी।उनकी रिश्तेदार रविकांता ने उन्हें फार्म भरवाया था। रविकांता टिहरी में आयुष विभाग में कर्मचारी है।
इस पर पुलिस ने रविकांता को भी पूछताछ के लिए बुला लिया। पूछताछ में रविकांता ने बताया कि उसे एक व्यक्ति ने यह नियुक्तिपत्र दिया थाए उसने महज पत्र का आदान.प्रदान किया है।नेहरू कालोनी थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि आरोपित रविकांता शर्मा व सोनल भट्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस को तीसरे व्यक्ति की तलाश है,जिसे शनिवार तक पकड़ लिया जाएगा। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर यह नियुक्तिपत्र कहां से तैयार किया गया है।
सचिवालय में नौकरियों के जारी होते रहे हैं फर्जी नियुक्तिपत्रयह पहला मामला नहीं है जब सचिवालय में फर्जी नियुक्तिपत्र का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी कई बार फर्जी नियुक्तिपत्र जारी होने के मामले सामने आ चुके हैं। सचिवालय में किसी बाहरी व्यक्ति को जाने की इजाजत नहीं हैए लेकिन वहां विभागों में इंटरव्यू करवाने के मामले भी सामने आए हैं। गंभीर मामले सामने आने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।