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आवारा कुत्तों ने 21 हिरणों को उतारा मौत के घाट, तीन कर्मचारी गिरफ्तार

प्रयागराज: झूसी छतनाग में आवारा कुत्तों के हमले से आनंद कानन बिरला हाउस में पाले गए 21 हिरणों की मौत हो गई थी। इस हमले में एक चीतल भी चपेट में आ गया। इन हिरणों को आवारा कुत्ते नोच नोच कर खा गए। इस मामले में झूसी पुलिस ने 3 लोगों को लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं एक आरोपी की तलाश की जा रही है। विभागीय जांच में इन सभी पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप है। अब इसकी जांच जिला प्रशासन और और पुलिस टीम ने भी शुरू कर दी है। इसमें बिरला ग्रुप को भी नोटिस भेजने की तैयारी है।

डीएफओ महावीर कौजलगी ने कहा कि झूंसी के छतनाग गांव में बिरला आनंद कानन गेस्ट हाउस (anand kanan birla house prayagraj) है। परिसर के भीतर हिरनों के एक कुनबे को बाड़ा बनाकर रखा गया। इसके लिए बिड़ला समूह ने वन विभाग से बाकायदा लाइसेंस लिया था। यहां करीब 30 सालों से हिरन पाले गए हैं। हिरणों की देखरेख की जिम्मेदारी यूनिवर्सल केबिल कंपनी लिमिटेड की थी। कंपनी देखरेख के लिए 14 कर्मचारियों को वहां पर तैनात कर रखा था। 8 घंटे की शिफ्ट में यह कर्मचारी काम कर रहे थे। एक शिफ्ट में चार कर्मचारी रहते थे। जबकि दो कर्मचारी सुपरवाइजर का काम करते थे।

सुरक्षा में लापरवाही के कारण आवारा कुत्तों के हमले से 21 हिरणों की मौत हो गई और एक चीतल भी इसकी चपेट में आ गया और उसकी भी मौत हो गई। इस मामले में 3 कर्मचारियों और गेस्ट हाउस के प्रबंधक अशोक कुमार डांगर खिलाफ झूंसी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।उन्होंने कहा कि गेस्ट हाउस परिसर के आसपास गंगा का किनारा होने के कारण काफी संख्या में आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं।

सोमवार की देर रात कुत्तों के झुंड ने हिरनों के बाड़े पर हमला बोल दिया। कुत्ते 6 फीट की बाड़ को कूदकर अंदर घुसे। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में आवारा कुत्तों के हमले में 21 हिरण मारे गए। सुबह जब कर्मचारी सोकर उठे तो वहां का हाल देखकर सन्न रह गए। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो सभी हिरन मर चुके थे। सभी का पोस्टमॉर्टम कर उन्हें गेस्ट हाउस परिसर में ही दफना दिया गया।

कुत्तों के हमले में मारे गए हिरनों का पोस्टमॉर्टम 4 पशु चिकित्सकों के पैनल ने किया। इस पैनल में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ। अनिल कुमार, झूंसी पशु अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ। वैभव मिश्र, बहादुरपुर के प्रभारी डॉ। शशि भूषण तथा सहसों प्रभारी डॉ। अनिल यादव शामिल रहे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुत्तों के हमले के बाद शॉक से हिरनों की मौत हुई है। कुछ हिरनों को आधे से ज्यादा कुत्तों ने नोचकर खा लिया था।

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