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पॉलिटेक्निक में बंद होंगे कम प्रवेश वाले विषय,जारी हुये आदेश

देहरादून: उत्तराखण्ड के तकरीबन 71 राजकीय और एक सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक संस्थान में बीते पांच सालों से 30 फीसद से कम छात्र संख्या वाले पाठ्यक्रमों को बंद कर नए रोजगारपरक विषयों को शामिल किया जाएगा। तकनीकी शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने अपना अनुमोदन दे दिया है। प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय एवं सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक संस्थाओं में पाठ्यक्रमों का युक्तिकरण (रेशनलाइनजेशन) किए जाने का प्रस्ताव तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किया गया था।

इसके तहत गैरजरूरी व अप्राशंगिक हो चुके पाठ्यक्रमों के बजाय पिछले पांच सालों में 30 फीसद से कम प्रवेश संख्या के पाठ्यक्रमों को बंद किया जाएगा।इसके साथ ही पर्याप्त अवस्थापना सुविधायुक्त परिसरों में उद्योग जगत, स्टार्टअप्स की दृष्टि से रोजगारपरक व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) नई दिल्ली की ओर से अनुमोदित प्रौद्योगिकी क्षेत्र के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। पहले चरण में यह व्यवस्था उत्तराखण्ड के 16 पालिटेक्निक संस्थाओं में पूर्व से संचालित 20 पाठ्यक्रमों को बंद कर 23 नए पाठ्यक्रम शुरू कर की जाएगी।

इस प्रक्रिया में बंद होने वाले पाठ्यक्रमों से संबंधित शिक्षकों और कार्मिकों को आवश्यकतानुसार समायोजित किया जाएगा। इसके लिए अलग से कोई नया पद सृजन नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि धामी सरकार प्रमुख तौर पर पॉलिटेक्निक संस्थाओं में उद्योगों की आवश्यकता के नजरिये से रोजगार के अवसर पैदा करने वाले पाठ्यक्रमों पर फोकस कर रही है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य के सभी पॉलिटेक्निक संस्थाओं में अवस्थापना सुविधाओं का विकास भी राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। इसके तहत भवन निर्माण व पुर्ननिर्माण, एप्रोच रोड निर्माण,डिजिटल लाइब्रेरी स्थापना जैसे कार्यों को तरजीह दी जा रही है।

सरकार की मंशा है कि सभी पॉलिटेक्निक में अधिक से अधिक संख्या में छात्रों का प्रवेश हो। इसके लिए समय और जरूरत के अनुसार पाठ्यक्रमों में बदलाव किए जा रहे हैं। हम इसके लिए नवाचार व समेकित प्रयास कर रहे हैं, ताकि पॉलिटेक्निक में संस्थानों में बेहतर शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराया जा सके। इसके लिए छात्र.छात्राओं के मध्य मध्य व्यापक प्रचार.प्रसार के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं।

सुबोध उनियाल,तकनीकी शिक्षा मंत्री

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