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“आतंकियों को भुगतनी होगी भारी कीमत: महाराज ने दिलाया न्याय का भरोसा”

देहरादून :  जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में निरपराध पर्यटकों को निशाना बनाया गया, जो न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि मानवता पर भी एक गहरा धक्का है। उत्तराखंड के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने इस अमानवीय हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे एक “कायराना और बर्बर कृत्य” बताया है।

महाराज ने अपने बयान में कहा कि यह हमला न केवल निर्दोष नागरिकों की हत्या है, बल्कि यह भारत की आत्मा पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि धर्म पूछकर लोगों को गोली मारने वाले किसी भी मज़हब के अनुयायी नहीं हो सकते हैं। “ऐसे लोग इंसानियत के दुश्मन हैं, और उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए,” उन्होंने कहा।

उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि अब ऐसे तत्वों और उनके सरपरस्तों को इस कृत्य की भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक सशक्त और निर्णायक भारत है, जो अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

“दुस्साहस का मिलेगा मुंहतोड़ जवाब”

सतपाल महाराज ने कहा कि यह नरसंहार भारत की सहनशीलता की परीक्षा है, लेकिन देश अब केवल शोक मनाने तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, “यह नया भारत है, जो हर हमले का जवाब देगा—दस गुना ताकत से देगा। जिन लोगों ने इस कायराना हरकत को अंजाम दिया है, उन्हें यह आखिरी दुस्साहस सिद्ध होगा।”

“दुनिया को पहचानना होगा आतंक की मानसिकता”

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आह्वान किया कि अब समय आ गया है जब दुनिया को आतंकवाद और उसकी पोषक मानसिकता को खुलकर पहचानना होगा। जो लोग इन कृत्यों पर चुप रहते हैं, वे भी परोक्ष रूप से इस हिंसा में सहभागी हैं। “अब कोई तटस्थ नहीं रह सकता। यह इंसानियत बनाम हैवानियत की लड़ाई है,” उन्होंने जोर देते हुए कहा।

“महिलाओं पर अत्याचार: एक सभ्यता पर हमला”

सतपाल महाराज ने इस हमले में खास तौर पर हिंदू महिलाओं के सामने उनके सिंदूर उजाड़ने की क्रूर घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक पहचान और सभ्यता पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि “यह आतंक का नया चेहरा है, जो केवल लोगों की जान नहीं ले रहा, बल्कि उनके आत्मसम्मान और आस्था पर भी हमला कर रहा है।” उन्होंने विश्वास जताया कि ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वाले और उनके समर्थक कभी चैन से नहीं रह पाएंगे।

प्रदेश की जनता एकजुट

सतपाल महाराज ने उत्तराखंड की जनता से भी अपील की कि वे एकजुट होकर इस प्रकार की आतंकी मानसिकता के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि “हमें जाति, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर इस मानवीय संकट के खिलाफ एक आवाज में बोलना होगा। आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता, इसका जवाब एकजुटता से ही दिया जा सकता है।”

इस आतंकी हमले की जांच केंद्र सरकार और सुरक्षाबल तेज़ी से कर रहे हैं। देशभर से नेताओं, कलाकारों, सामाजिक संगठनों और आम जनता ने इस क्रूर घटना की निंदा करते हुए शोक और आक्रोश व्यक्त किया है। पहलगाम की यह घटना केवल एक आतंकी हमला नहीं है, यह हमारी सहिष्णुता, एकता और आत्मसम्मान की कसौटी भी है। ऐसे में देश को सतर्क, सजग और एकजुट रहकर जवाब देना होगा—कड़ी कार्रवाई, निर्णायक नीति और अटूट संकल्प के साथ।

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