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सरकार “आस्था और विकास” दोनों को साथ लेकर चल रही है : धामी

अल्मोड़ा/देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को अल्मोड़ा जनपद स्थित प्रसिद्ध जागेश्वर धाम पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान जागनाथ (भगवान शिव) के दर्शन किए और राज्य की निरंतर प्रगति, आपसी सद्भाव और जनता के कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की। जागेश्वर धाम के पवित्र वातावरण में उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और भगवान से उत्तराखंड की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर धाम उत्तराखंड की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है, और यहां आने पर अद्भुत शांति और ऊर्जा का अनुभव होता है। उन्होंने बताया कि यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और आस्था का प्रतीक भी है।

पूजा के बाद मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में मौजूद पुजारियों, स्थानीय श्रद्धालुओं और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने क्षेत्र की धार्मिक और पर्यटन सुविधाओं को और बेहतर बनाने के सुझाव भी सुने। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल धार्मिक स्थलों के संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका समग्र विकास करना है ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जागेश्वर धाम सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता, सड़क, पार्किंग, पेयजल और आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं को मजबूत किया जाए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि उत्तराखंड के देवस्थलों को श्रद्धा के केंद्र के साथ-साथ पर्यटन और रोजगार के अवसरों के रूप में भी विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकता है, क्योंकि इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और पारंपरिक हस्तशिल्प, भोजन और संस्कृति को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार “आस्था और विकास” दोनों को साथ लेकर चल रही है। इसी दिशा में चारधाम यात्रा, मानसखंड मंदिर माला मिशन और हेरिटेज टूरिज्म जैसी योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे उत्तराखंड की पहचान एक वैश्विक धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित हो सके। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में जागेश्वर धाम की आध्यात्मिक महिमा और पर्यटन महत्व दोनों और अधिक बढ़ेंगे तथा यह स्थान प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री के इस दौरे का स्वागत किया और कहा कि उनके आगमन से क्षेत्र के धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने जनता से भी अपील की कि वे अपने धार्मिक स्थलों की पवित्रता और प्राकृतिक सुंदरता बनाए रखने में सहयोग करें ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस आध्यात्मिक धरोहर का अनुभव कर सकें।

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