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हाईकोर्ट ने दिए सचिव शिक्षा को चार माह के भीतर प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने के निर्देश

नैनीताल। हाई कोर्ट ने बीपीएड, एमपीएड बेरोजगार प्रशिक्षित संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को अपना प्रत्यावेदन दो सप्ताह के भीतर सचिव विद्यालयी शिक्षा को देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सचिव शिक्षा को चार माह के भीतर प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में बीपीएड, एमपीएड बेरोजगार संगठन की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि वह बीपीएड एमपीएड प्रशिक्षित बेरोजगार हैं। उत्तराखंड शासन ने नई शिक्षा नीति 2020 को शिक्षा सत्र 2022-2023 से लागू कर दिया है, जिसके अनुसार छात्रों के सम्पूर्ण विकास के लिए शारीरिक शिक्षा को जरूरी बताया गया है, परन्तु अभी तक सरकार ने इनके लिए कोई भर्ती विज्ञप्ति जारी नही की।
यचिकाकर्ताओं का कहना है कि एनसीईआरटी ने स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य व शारीरिक शिक्षा के साथ-साथ खेल व योगा को भी कक्षा पहली से 12 तक अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के क्रम में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी सीबीएसई बोर्ड से संचालित स्कूलों को इसे लागू करने के लिए 2019 में सर्कुलर जारी किया था, लेकिन उत्तराखंड शासन ने अभी तक इसमें कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि उत्तराखंड ने सबसे पहले नई शिक्षा नीति 2020 को अपने यहां पर लागू कर दिया है। बीपीएड, एमपीएड प्रशिक्षितों के बार-बार शासन को विज्ञप्ति जारी करने के लिए प्रत्यावेदन दिए गए हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

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