मणिपुर में सुलग रही जातीय हिंसा की चिंगारी, सरकार के लिए बन रही चुनौती
मणिपुर में रूक-रूक कर हो रही हिंसा सरकार के लिए अब एक चैलेंज बनती जा रही है। मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में करीब 57 हथियार और 323 गोला.बारूद बरामद किये गये हैं। प्रदेश सरकार के सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि इसके साथ ही अब तक 868 हथियार और 11518 गोला.बारूद बरामद किये गये हैं। हालांकि अब भी बड़ी संख्या में लूटे गये हथियारों की बरामदगी नहीं हो सकी है। इस बीच इम्फाल घाटी के पांच जिलों में 12 घंटों और पड़ोसी पर्वतीय जिलों में आठ से 10 घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या. 37 पर आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है। आपको बता दें कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिले में आयोजित आदिवासी एकता मार्च के दौरान हिंसक झड़प शुरू हो गई थी।
जातीय हिंसा की घटनाओं में अब तक करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक घायल हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले सप्ताह मणिुपर का दौरा किया था। उन्होंने यह घोषणा भी की थी कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा। शाह ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे के साथ ही राहत और पुनर्वास पैकेज की भी घोषणा की थी।
इसके अलावा,इस सप्ताह मणिपुर के पश्चिम इंफाल जिले में भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी जिससे उसमें सवार आठ वर्षीय बच्चे, उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना इरोइसेम्बा में हुई। उन्होंने कहा कि गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे के सिर में गोली लग गई थी और उसकी मां तथा एक रिश्तेदार उसे इंफाल स्थित अस्पताल ले जा रहे थे। अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ के हमले में मारे गए तीनों लोगों की पहचान तोंसिंग हैंगिंग (8द्ध) उसकी मां मीना हैंगिंग(45) और रिश्तेदार लिदिया लोरेम्बम (37) के तौर पर हुई है। असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घटना की पुष्टि की और बताया कि घटनास्थल और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।