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ट्रायल के दौरान टायर फटा रेंजर समेत 4 की मौत,1लापता,5घायल

ऋषिकेश / देहरादून : राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में वन्यजीवों की सुरक्षा और बचाव कार्य के लिए खरीदे गए इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन के ट्रायल के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने से रेंजर व एक डिप्टी रेंजर समेत चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। दुर्घटना के समय वन विभाग की वन्य जीव प्रतिपालक महिला अधिकारी वाहन से छिटककर चीला नहर में जा गिरीं, जबकि पशु चिकित्साधिकारी समेत पांच अन्य घायल हो गए। नहर में गिरी महिला अधिकारी की एसडीआरएफ की टीम गोताखोरों की मदद से तलाश कर रही है। प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्राप्त समाचार के अनुसार दुर्घटना वाहन का बायीं तरफ का पिछला टायर फटने से हुई। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसारए वाहन की गति काफी तेज थी, जिस कारण टायर फटने के बाद चालक नियंत्रण खो बैठा।

वाहन पहले सड़क किनारे एक पेड़ से टकराया और इसके बाद चीला नहर की सुरक्षा दीवार से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में मृतक रेंजर शैलेश घिल्डियाल पीएमओ में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल के भाई हैं। सभी घायलों का ऋषिकेश एम्स में उपचार चल रहा है। उधर, मुख्यमंत्री धामी और पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत ने दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है, साथ ही उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है । दुर्घटना कल शाम करीब पांच बजे ऋषिकेश से 15 किमी आगे चीला जल विद्युत गृह के पास हुई। यह स्थान हरिद्वार शहर से करीब सात किमी की दूरी पर है।

वन विभाग ने पिछले दिनों बेंगलुरु की प्रवेग डायनामिक्स कंपनी से वन्यजीवों की सुरक्षा व बचाव कार्य के लिए इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन खरीदा था।सोमवार शाम इस वाहन का ट्रायल लेने के लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी व वाहन निर्माता कंपनी के कर्मचारी वन विभाग के चीला कार्यालय से ऋषिकेश की ओर आ रहे थे। अभी वाहन मुश्किल से 700 मीटर ही चला होगा कि चीला शक्ति नहर मार्ग पर पिछला टायर फटने से चालक नियंत्रण खो बैठा। पेड़ से टकराने के बाद नहर की सुरक्षा दीवार से वाहन के टकराने के दौरान उसमें सवार वन अधिकारियों समेत चार लोग सड़क किनारे खाई में जा गिरे, जबकि महिला अधिकारी आलोकी शक्ति नहर में गिर गईं।

वाहन में चालक समेत 10 लोग सवार थे। खाई में गिरे चारों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच घायल हो गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस व वन विभाग के कर्मचारियों ने घायलों को ऋषिकेश एम्स पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने शैलेश घिल्डियाल रेंजर, प्रमोद ध्यानी डिप्टी रेंजर, सैफ अली खान व कुलराज सिंह को मृत घोषित कर दिया। शेष पांच घायलों का उपचार चल रहा है। वहीं, वन्य जीव प्रतिपालक आलोकी का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस तथा एसडीआरएफ की टीम चीला शक्ति नहर में उनकी तलाश में जुटी हुई हैं। वन विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी चीला कालोनी के रहने वाले हैं जबकि कंपनी के कर्मचारी बेंगलुरु के निवासी बताए जा रहे।

दुर्घटना के समय वाहन का संचालन कंपनी का चालक अश्विन बिजू कर रहा था। इस दौरान वन विभाग के दो अन्य चालक भी वाहन में सवार थे और वाहन संचालन की जानकारी ले रहे थे। इस दर्दनाक हादसे के बाद उत्तराखण्ड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। दुर्घटना के समय वन मंत्री अधिकारिक दौरे पर भुवनेश्वर गए हुए थे। उनियाल ने कहा कि वन निदेशक समेत अन्य उच्चाधिकारियों ने इसका ट्रायल लिया था। इसके बावजूद दुर्घटना कैसे हुई, इसकी विशेष जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की संवेदना मृतकों के स्वजन व घायलों के साथ है। दुर्घटना में वन विभाग ने अपने पुरस्कार प्राप्त अधिकारियों को खोया है।

ये भी खबर है कि दुर्घटना का शिकार हुआ इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन अभी परिवहन विभाग में पंजीकृत नहीं हुआ था। सूत्रों की मानें तो वन विभाग इसे टाइगर सफारी में संचालित जिप्सी के विकल्प के तौर पर भी उपयोग करने की तैयारी कर रहा है। जिप्सी में चालक समेत आठ यात्रियों के बैठने की क्षमता होती है। इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर में भी चालक समेत आठ यात्रियों के बैठने की क्षमता बताई जा रही है। ऐसे में दुर्घटना के समय यह वाहन ओवरलोड भी था।

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