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नौनिहालों का जीवन खतरे में डाल सड़को पर दौड़ रहे अनफिट स्कूली वाहन

देहरादून: माता-पिता अपने बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने के बाद अपने बचचों को स्कूल लाने लेजाने की असुविधा से बचने के लिए ट्रांसपोर्ट फीस भरते हैं जिससे उनका बच्चा सुरक्षित घर आ सक लेकिन उन्हें क्या पता कि जिस स्कूल वाहन में वे अपने बच्चे को भेज रहे हैं वो फिट है कि नहीं। ऐसा ही खुलासा हुआ है राजधानी देहरादून के साथ-साथ हरिद्वार और टिहरी में । मिली जानकारी के अनुसार यहां स्कूलों में अनफिट वाहनस्कूली बच्चों को ढोकर उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

इसका खुलासा परिवहन विभाग की ओर से चलाए गए विशेष जांच अभियान के दौरान हुआ।परिवहन विभाग ने ऐसे 30 वाहनों को पकड़ा, जो जांच में अनफिट पाई गईं। आपको बता दें कि परिवहन विभाग ने दून, हरिद्वार और टिहरी में स्कूली बसों,वैन के खिलाफ दो दिवसीय विशेष जांच अभियान चलाया था। इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर 155 स्कूली बसों, वैन का चालान किया गया था। साथ ही 22 वाहनों को सीज किया गया।

आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों के अनुपालन में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर विभागीय अधिकारियों की अगुवाई में विशेष जांच अभियान चलाया गया। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सीबीएसई बोर्ड और परिवहन विभाग की ओर से स्कूली बसों को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का राजधानी दून में सबसे अधिक उल्लंघन किया जा रहा है। दून में नियमों का उल्लंघन करने पर 100 स्कूली बसों का चालान किया गया, जबकि 18 वाहनों को सीज किया गया।

हरिद्वार में 42 वाहनों का चालान और चार वाहनों को सीज किया गया। जबकि,टिहरी में 13 स्कूली वाहनों का चालान किया गया। इतना ही नहीं आरटीओ प्रवर्तन तिवारी ने बताया कि विशेष जांच अभियान के दौरान 30 ऐसे वाहन पकड़े गए जो बिना परमिट के संचालित किए जा रहे थे। जबकि 25 वाहनों के चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं था। 21 वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स और 15 वाहनों में अग्निशमन उपकरण तक नहीं पाए गए। इतना ही नहीं विशेष जांच अभियान के दौरान ऐसे 11 निजी वाहनों को पकड़ा गया जिनसे बच्चों को स्कूल ले जाया जा रहा था। नियमों के मुताबिक निजी वाहनों में व्यावसायिक तौर पर स्कूली बच्चों को नहीं ले जाया जा सकता।

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