अस्पताल में एडमिट पीड़िता ने मदरसा के मौलवी पर लगाया गैंग रेप का आरोप
देहरादून: राजधानी देहरादून के प्रसाद सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के आईसीएू वार्ड में भर्ती पीड़िता ने सनसनी खेज खुलासा किया है। महिला ने सहसपुर के मदरसा के मौलवी समेत दो लोगों पर उसके साथ रेप करने का आरोप लगाया है। आपको बता दें ये मामला तब खुला जग अस्पताल के आईसीएू में भर्ती महिला के परिजनों से अस्पताल प्रशासन ने 90 हजार का बिल थमा दिया। अस्पताल में हंगामा होने के बाद वहां पर हमारी न्यू हिन्दुस्तान के कैमरामैन और रिपोर्टर पहुंच गये।
उन्होंने अस्पताल प्रशासन से पूरी जानकारी चाही इस पर अस्पताल प्रशासन ने बताया कि महिला को 10 दिन पहले यहां कोई भर्ती कर गया था महिला को काफी ज्यादा ब्लडिंग हो रही थी। हमारे संवाददाता ने जब उनसे पूछा कि ब्लडिंग होने का क्या कारण था तो उन्होंने बताया कि ये हमें नहीं मालूम कि उसके साथ क्या हुआ है। वहीं महिला के साथ एक महिला ने आरोप लगाया कि इस महिला के साथ रेप हुआ है। उसने बताया कि अन्दर भर्ती महिला से अस्पताल प्रशासन मिलने तक नहीं दे रहा है।
जब हमारे संवाददाता ने अस्पताल प्रशासन से महिला से बात करने को कहा तो इस पर वह नहीं माने लेकिन हगामा बढ़ते देख प्रशासन ने पीड़िता को बुला दिया। हमारे संवाददाता भावना ने जब उस पीड़ित महिला से जानकारी ली तो उसने बताया कि वह मदरसे में काम करती है और उसके साथ मदरसे के तीन लोगों ने रेप किया था। उसने बताया कि जब उसे तकलीफ महसूसू हुई तो उसने अपनी पेरशानी बताई तब उसे वो लोग कहीं ले गये जहां उसका अबार्सन कराया गया।
लेकिन बलडिंग ने रूकने की बजह से उसे कोई शख्स पीड़िता को बेसुध हालत में प्रसाद सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कर गया। बहरहाल सवाल ये उठता है कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह के अनैतिक कार्य वहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे छा़ों पर क्या असर डालेंगे ? क्या जिस तरह से मदरसों में इस तरह के वहशियाना कार्य हों वहां पर शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्रायें कितनी सुरक्षित हैं ? खेर अस्पताल प्रशासन भी अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता क्योंकि एक बेसुध महिला को कोई अंजान व्यक्ति दाखिल करता है तो अस्पताल प्रशासन ने क्या कार्यवाही करी? अस्पताल प्रशासन को क्या ये नहीं लगा कि महिला के साथ कुद गलत हुआ है अगर हुआा था तो अस्पताल प्रशासन ने इसकी सूचना पुलिस को क्यों नही दी ? ।
सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न ये उठता है कि अस्पताल प्रशासन मुखिया शाह आलम और मदरसा संचालक के बीच तो कोई संबंध नहीं ये भी जांच का बिषय है। बहरहाल अभी पुलिस में को ई भी तीरीर नहीं दी गई है जबकि इस घटना को 10 दिन हो चुके हैं। ये सारी कड़ियां एक दूसरे केो जोड़ती हैं अगर गहनता से जांच हो तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।
रिपोर्टः कैमरामैन आलम के साथ भावना रावत , न्यू हिन्दुस्तान