मणिपुर के बिष्णुपुर इलाके में हिंसा जारी,17 घायल, इंफाल में फिर लगा कर्फ्यू
90 दिनों से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर का समाधान नजर नहीं आ रहा है। आलम ये है कि हिंसा कम होने की बजाये दिनो दिन आग पकडक्ष् रही है। हाल ही में मणिपुर के बिष्णुपुर जनपद के कांगवई और फोउगाकचाओ इलाके में एक बार फिर से ताजा हिंसा हुई । जानकारी के मुताबिक ताजा हिंसा में डेढ़ दर्जन के करीब लोग घायल हुए है। बहरहाल हालात को काबू करने के लिए सेना और आरपीएफने आंसू गैस के गोले दागे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट ने कर्फ्यू में दी गई ढील को वापस ले लिया है और एहतियात के तौर पर आज पाबंदियां लागू कर दी है। इंफाल पश्चिम जिले में आज 3 अगस्त को सुबह 05ः00 बजे से रात 08ः00 बजे तक दी गई पूरी छूट को वापस ले लिया गया है। वहीं जिले में तत्काल प्रभाव से पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है और इम्फाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में आम जनता के उनके आवासों के बाहर आवाजाही पर प्रतिबंध लागू किया गया है।
बहरहाल स्वास्थ्य, बिजली, पीएचईडी, पेट्रोल पंप, स्कूल,कॉलेज और नगर पालिका जैसी आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों की आवाजाही। प्रेस और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, अदालतों के कामकाज और हवाई अड्डे पर उड़ान यात्रियों की आवाजाही को कर्फ्यू लगाने से छूट दी जाएगी। इंफाल घाटी में रात्रिकालीन कर्फ्यू पहले ही लागू है। जैसा कि आपको मालूम ही है कि झड़पों से पहले मणिपुर की जातीय हिंसा में मारे गए कुकी-जोमी समुदाय के लोगों के अंतिम संस्कार को रोक दिया गया।
उच्च न्यायालय ने चुराचांदपुर में प्रस्तावित अंत्येष्टि स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का बृहस्पतिवार सुबह आदेश दिया था। कुकी-जो समुदाय का संगठन (इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम) आईटीएलएफ भी 35 लोगों के अंतिम संस्कार को स्थगित करने पर सहमत हो गया। बिष्णुपुर जिले में हजारों स्थानीय लोगों के सुरक्षा बलों की आवाजाही बाधित करने के लिए सड़कों पर उतरने के कारण सुबह से ही तनाव व्याप्त है। महिलाओं की अगुवाई में स्थानीय लोगों ने सेना तथा आरएएफ जवानों द्वारा लगाए अवरोधकों को पार करने की कोशिश की। वे अंत्येष्टि स्थल तुइबुओंग तक जाने की अनुमति मांग रहे हैं।