यहां वगैर शादी प्रेग्नेंट होती हैं महिलाएं,शारीरिकसंबंध के लिए मर्दों को बुलाती हैं पास! नहीं करतीं शादी
दुनिया में कई तरह की जनजातियां रहती हैं। ये जनजातियां दुनिया की नजर से दूर रहना पसंद करती हैं। जहां आम इंसान समय के साथ तरक्की कर लेता है, वहीं इन जनजातियों के लोग अपनी पुरानी परंपराओं को आज भी उसी तरह मानते आ रहे हैं। अगर इस बात को सुनकर आपको ऐसा लग रहा है कि तब तो इन जनजातियों के रीति-रिवाज काफी पुराने होंगे तो जरा ठहरिये।
कुछ ऐसी जनजाति भी मौजूद हैं, जिनकी परम्पराएं आज के मॉडर्न समाज को फेल कर देते हैं।आज के समय में लिव-इन का कांसेप्ट लोग अपना रहे हैं। कई लोग इसके खिलाफ आज भी आवाज उठाते हैं। जबकि कई कपल घर से चोरी-चुपके बाहर शहरों में लिव-इन में रहते हैं। भारत में शादी साथ रहने के लिए सबसे बड़ा क्राइटेरिया है।
इस वजह से लिव इन को यहां अपनाने में लोगों को काफी समय लगेगा। लेकिन चीन में एक ऐसी जनजाति है, जो आज से नहीं, बल्कि कई हजार सालों से लिव इन में रह रहे हैं। इस जनजाति की महिलाओं को मर्दों में कोई दिलचस्पी नहीं है। वो सिर्फ मर्दों के साथ संबंध बनाकर प्रेग्नेंट होती हैं और फिर मर्दों को घर से निकाल देती हैं।
मर्द के स्पर्म से मतलब
साउथवेस्ट चीन के मोसुआ जनजाति में कई सालों से लिव इन की परंपरा चली आ रही है। इस जनजाति की महिलाओं का शादी में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। यहां मर्द ना तो शादी करते हैं ना ही बच्चे को पालने में कोई मदद करते हैं। इस जनजाति में शादी शब्द की कोई जगह नहीं है। इस परंपरा को वॉकिंग मैरिज कहा जाता है। इसमें मर्द और औरत साथ नहीं रहते लेकिन सिर्फ साथ सोते हैं। इसके बाद अगर महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तब भी मर्द की जरुरत नहीं पड़ती। महिला अकेले ही बच्चे को पालती है।
बेहद बोल्ड हैं परिवार वाले
मोसुआ जनजाति की फैमिली काफी आजाद ख्यालों के होते हैं। जैसे ही एक लड़की के पीरियड्स की शुरुआत होती है, उसे अलग कमरा दे दिया जाता है। इसके बाद वो रात में किसी को भी अपने कमरे में बुला सकती है। अगर इन मुलाकतों से किसी बच्चे का जन्म हुआ तो उसकी देखभाल लड़की को करनी है। पिता बच्चे को किसी तरह की मदद नहीं करता। हालांकि, ऐसा नहीं है कि समाज को पिता के बारे में जानकारी नहीं होती। किसी ख़ास त्यौहार पर पिता को भी बच्चे से मिलने के लिए बुलाया जाता है। इस तरह सभी को पता चल जाता है कि बच्चे का पिता कौन है?
Sources:News18