30 सालों में अब तक की नेपाल में सबसे भीषण हवाई दुर्घटना,सभी यत्रियों की मौत
बीते तीस सालों में नेपाल की सबसे बड़ी विमान दुर्घ्ज्ञटना है। अब जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है,नेपाल में यति एयरलाइंस के विमान दुर्घटना में किसी के बचने के उम्मीद की किरन बुझती जा रही है। आपको बता दें कि 68 यात्रियों और चालक दल के चार सदस्यों को लेकर एटीआर-72 विमान काठमांडू से निकला था और रविवार को पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक बचावकर्मियों ने अब तक दुर्घटना के मलबे से 68 शव निकाले हैं,जबकि बाकी चार की तलाश की जा रही है। हालांकि सेना के जवानों ने कहा कि दुर्गम इलाके की वजह से बचाव कार्य में बाधा आ रही है और रात में इसे बंद करना पड़ा।
समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से नेपाल सेना के प्रवक्ता कृष्ण प्रसाद भंडारी ने कहा, ‘हमने दुर्घटनास्थल से किसी को जीवित नहीं बचाया है।’ जिला प्रशासन कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मरने वालों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए गंडकी अस्पताल ले जाया गया है। अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर शव इतनी बुरी तरह से जले हुए थे कि वे पहचाने नही जा रहे हैं। हवाई अड्डे के एक अधिकारी के अनुसार, यात्रियों में 15 विदेशी नागरिक थे,जिनमें पाँच भारतीय,चार रूसी, दो दक्षिण कोरियाई,एक ऑस्ट्रेलियाई,एक फ्रांसीसी,एक अर्जेंटीना और एक आयरलैंड का व्यक्ति शामिल था।एक स्थानीय निवासी ने कहा मरने वाले पांच भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22),अनिल कुमार राजभर (27),सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल के रूप में हुई है।
पांच भारतीयों में से चार पोखरा के पर्यटक केंद्र में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों में भाग लेने की योजना बना रहे थे, जो उनके साथ नेपाल गया था। पांच भारतीय नागरिकों में से चार शुक्रवार को ही भारत से काठमांडू पहुंचे थे। दक्षिणी नेपाल के सरलाही जिले के निवासी अजय कुमार शाह ने बताया, ‘ये चारों लेक सिटी और पर्यटन केंद्र पोखरा में पैराग्लाइडिंग का आनंद लेने की योजना बना रहे थे।उन्होंने कहा हम एक ही वाहन में भारत से एक साथ आए थे। पोखरा जाने से पहले वे पशुपतिनाथ मंदिर के पास गौशाला में रुके और फिर होटल डिस्कवरी ऑफ थमेल में ठहरे।
उन्होंने कहा कि वे गोरखपुर के रास्ते पोखरा से भारत लौटने की योजना बना रहे थे।हादसे में मारे गए पांच भारतीयों में से चार उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को चार युवकों के शवों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया।नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने दुर्घटना के बाद मंत्रिपरिषद की आपात बैठक की। बैठक के बाद, सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। इसने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक घरेलू एयरलाइन के विमान उड़ान भरने से पहले कठोर निरीक्षण से गुजरते हैं। नेपाल ने तीन दशकों में सबसे खराब घरेलू विमानन आपदा को चिह्नित करने के लिए शोक के दिन के रूप में घोषित किया है।