Sat. Nov 23rd, 2024

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के ब्रहंलीन होने पर उन्हे भारत रत्न देने की मांग

हरिद्वार। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ब्रह्मलीन हो जाने के बाद सोमार को हरिद्वार में जगह जगह साधु संतों द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर उन्हे भारत रत्न देने की मांग की गयी।
हरिद्वार के कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में आयोजित शोक सभा में संतों ने शंकराचार्य की विद्वता और सरल स्वभाव का जिक्र करते हुए कहा कि स्वामी को देश का सर्वाेच्च सम्मान भारत रत्न दिया जाना चाहिए। संतों ने केंद्र सरकार से उनकी जीवन यात्रा पूरी होने पर राष्ट्रीय शोक ओर उत्तराखंड के देहरादून में स्थित हवाई अड्डे का नाम भी शंकराचार्य हवाई अड्डा करने की मांग की। संतों ने बताया कि स्वामी स्वरूपानंद ने इसको लेकर कई बार सरकार से मांग की थी।जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम शंकराचार्य के नाम से किया जाए. शंकराचार्य मठ में शंकराचार्य के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संतों ने कहा कि उनके मार्ग दर्शन का अभाव संतों को सदा ही रहेगा। प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज सनातन हिंदू धर्म के संरक्षक, संवर्धक रहे हैं। वे लगभग 45 वर्षों तक ज्योतिष शारदा पीठ पर विराजमान रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानी, गौ रक्षक के रूप में उनकी भूमिका को सदैव याद याद किया जाता रहेगा। अध्यात्म जगत की ऐसी महान विभूति को जिसका जीवन सनातन हिंदू धर्म, गंगा की रक्षा के लिए समर्पित रहा, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में विशेष योगदान दिया, ऐसे महान संत को भारत सरकार विशिष्ट नागरिक अलंकरण भारत रत्न से सम्मानित करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *