अगर न्यायालय से परिसंपत्तियों के मामलों को वापस लेती है सरकार, तो जाएंगे कोर्ट: कॉंग्रेस
अभिज्ञान समाचार/ देहरादून। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ परिसंपत्तियों का विवाद जहां 20 सालों के बाद सुलझने ने जा रहा है, तो वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इसे राजनीतीक खेल बताते हुए सरकार पर हमलावर हो उठी है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा यह सब करवाया गया है। उत्तराखंड सरकार ने सत्ता के लालच में केंद्र के इशारों पर यह समझौता किया है।
यह भी पढ़ें – अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड की बसों के लिए दिल्ली में नो एंट्री
कांग्रेस ने परिसंपत्ति विवाद निपटारे के बाद आरोप लगाया है कि उत्तराखंड कि वर्तमान सरकार उत्तराखंड को बेच कर आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ के सामने सरेंडर कर दिया है। इसके तहत जो मामले परिसंपत्ति को लेकर कोर्ट में लंबित चल रहे हैं उन्हें वापस लेने की बात की जा रही है, जो कि राज्य के लिए बिल्कुल गलत है। पार्टी के मुताबिक अगर सरकार न्यायालय में लंबित परिसंपत्तियों के मामलों को वापस लेती है, तो हम इसके खिलाफ कोर्ट में जाने की इजाजत मांगेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार के इस फैसले को लेकर हमलावर हो गए हैं। हरीश रावत ने परिसंपत्तियों के समझौते के इस दिन को काला दिन बताया।
यह भी पढ़ें – गुरू तेग बहादुर शहीद दिवस पर घोषित सार्वजनिक अवकाश में परिवर्तन, अब 8 दिसंबर को होगी छुट्टी
उन्होंने कहा कि हम इस समझौते को पूरी तरह से खारिज करते हैं। हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष समर्पण करके आ रहे हैं। और कांग्रेस इस मसले पर राजभवन और सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी। हरीश रावत ने कहा कि परिसंपत्तियों के मसले पर भाजपा सरकार ने दो बार समझौते किए लेकिन इसमें केवल शब्दों का उलटफेर ही रहा।