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उत्तराखंड: IAS दीपक रावत का होने वाला है ट्रांसफर

अभिज्ञान समाचार/ देहरादून। आईएएस दीपक रावत उत्तराखंड के तेजतर्रार और ईमानदार अफसरों में से एक। इस वक्त दीपक रावत पिटकुल यानी पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड के एमडी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनसे यह जिम्मेदारी वापस लेने की तैयारी हो रही है। खुद ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत को दिए एक बयान में कहा है कि जैसे ही आईएएस के तबादले होंगे तो उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से निवेदन किया है कि अब यूपीसीएल में भी परमानेंट एमडी की नियुक्ति हो गई है, लिहाजा वे दीपक रावत को अब कोई और जिम्मेदारी दें। साफ बात यह है कि पिटकुल के एमडी पद से दीपक रावत को हटाने की बात कही गई है, ताकि वहां ऊर्जा मंत्री किसी और को चार्ज दे सकें।

इस तरह भविष्य में यूपीसीएल की तर्ज पर पिटकुल में भी परमानेंट एमडी की नियुक्ति की जाएगी। कहने वाले कह रहे हैं कि आईएएस दीपक रावत से यूपीसीएल के बाद पिटकुल एमडी पद की जिम्मेदारी वापस लेने का मतलब साफ है कि उनके पर कतरे जा रहे हैं या फिर उन्हें हाशिए पर धकेला जा रहा है। हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि दीपक रावत खुद ऊर्जा निगमों से मुक्ति चाहते हैं, क्योंकि यह उनके लिए मनोकामना पूर्ण होने जैसा होगा।आईएएस दीपक रावत उन अफसरों में से हैं, जिन्होंने फील्ड में काम करके छवि चमकाई है। ऐसे में उन्हें दफ्तरी जॉब कम ही रास आ रही है। वह खुद चाहते हैं कि उनको ऊधमसिंहनगर या हरिद्वार जैसे किसी बड़े जिले के डीएम के रूप में जिम्मेदारी मिल जाए या गढ़वाल कुमाऊं की कमिश्नरी मिले ताकि वह फील्ड में काम कर सकें.. ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और आईएएस दीपक रावत के बीच तनातनी की खबरें भी खूब सुर्खियों में रही हैं।

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यही वजह है कि ऊर्जा मंत्री विभागीय निगमों से आईएएस की छुट्टी करना चाहते हैं, ताकि वहां मर्जी के एमडी तैनात किए जा सके। बहरहाल अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऊर्जा मंत्री के आग्रह पर पिटकुल से आईएएस दीपक रावत की छुट्टी करते हैं तो ऊर्जा मंत्री और आईएएस दीपक रावत दोनों के मन की साध पूरी हो जाएगी। इस रस्साकशी को भ्रष्टाचार से जोड़कर भी देखा जा रहा है। ऊर्जा निगमों में एमडी की नियुक्तियां पहले भी बवाल की वजह बनती रही हैं। हरीश रावत राज में एसएस यादव की नियुक्ति को लेकर खूब हल्ला हुआ था। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विवादित बीसीके मिश्रा को ऊर्जा निगम का एमडी बना दिया था, उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे। बाद में आईएएस नीरज खैरवाल को यूपीसीएल का एमडी बनाकर करप्शन पर नकल कसने का दाव चला गया, लेकिन अब ईमानदार अफसर आईएएस दीपक रावत से ऊर्जा निगम की जिम्मेदारी वापस लेने की तैयारी की जा रही है।

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