1032 किमी की यात्रा पर निकला आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए यात्रियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस दौरान दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईटीबीपी के जवानों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अभियान साहस और संकल्प का प्रतीक है। यह न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि यह सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और स्थानीय परंपराओं को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक 1032 किलोमीटर की कठिन यात्रा करेगा। इस दौरान धार्मिक, ऐतिहासिक और सामरिक स्थलों की निगरानी के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति के संरक्षण पर भी बल दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड वीरभूमि है, जहां से बड़ी संख्या में सैनिक और अर्धसैनिक बलों के जवान देश की सेवा में तत्पर हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल 1962 से सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आपदा राहत कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश की सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है।
राज्य सरकार द्वारा सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख की गई है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को अधिक धनराशि देने, बलिदानियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की समय-सीमा दो वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष करने जैसे कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा, पूर्व सैनिकों और वीरता पुरस्कार प्राप्त जवानों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा, संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट और बेटियों के विवाह हेतु विशेष अनुदान जैसी योजनाएं लागू की गई हैं।
आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल ने बताया कि इस अभियान के तहत दल 27 घाटियों और 27 दर्रों को पार करेगा। इसका उद्देश्य वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों में पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करना है। इस ट्रेकिंग रूट में कुल 84 वाइब्रेंट विलेज शामिल होंगे। अभियान के दौरान दल स्थानीय लोगों को 3.5 लाख फलदार पौधे वितरित करेगा, जिससे पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ भी सुनिश्चित किया जा सके।कार्यक्रम में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, आईजी आईटीबीपी गिरीश चंद्र उपाध्याय तथा बल के अनेक जवान उपस्थित रहे।