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युवक की हत्या में उसका दोस्त और तीन अन्य गिरफ्तार

रुड़की। युवक की हत्या में पुलिस ने उसके दोस्त और तीन अन्य को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से बाइक, चाकू, लोहे की रॉड आदि बरामद कर उन्हें जेल भेज दिया गया। एसएसपी अजय सिंह ने सिविल लाइंस कोतवाली में पत्रकार वार्ता कर में घटना का खुलासा किया। बताया कि राज विहार कॉलोनी ढंडेरा के पास गन्ने के खेत से युवक का शव बरामद किया था। शव की शिनाख्त सचिन उर्फ काका (32) निवासी डबल फाटक मोहनपुरा के रूप में हुई थी। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार आठ नवंबर को सचिन बाइक लेकर घर से निकला था। बताया था कि इलियास के पास एक हजार रुपये में फोन गिरवी रखा था। वह उसे लेने जा रहा है लेकिन देर रात तक भी सचिन घर नहीं लौटा।
पुलिस ने इलियास से पूछताछ की तो पता चला कि सचिन फोन लेकर चला गया था। आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए तो सचिन और शादाब बाइक पर जाते हुए दिखाई दिए थे। शादाब की तलाश की तो वह घर से फरार मिला। शक गहरा जाने पर शादाब को पुलिस ने धर दबोचा। पुलिस के सामने शादाब ने जो बात बताई उसको सुनकर पुलिस भी चौंक गई। शादाब ने पुलिस को बताया कि सचिन और वह दोस्त थे। करीब दो साल पूर्व दोनों के बीच लेनदेन, बाइक चलाने और कुछ बातों को लेकर विवाद हुआ था। कुछ समय पूर्व भी गोल भट्टा पर बुलाकर सचिन ने पिटाई कर दी थी। रंजिश का बदला लेने के लिए सचिन को गन्ने के खेत में ले गया था और सिर पर रॉड मारकर बेहोश कर दिया। बेहोशी की हालत में शरीर पर चाकू से कई वार कर सचिन की हत्या कर दी थी। पुलिस ने शादाब उर्फ पल्कू पुत्र नूर हसन निवासी मंदिर से आगे मस्जिद के पास ढंडेरा, शेरू उर्फ आमिर पुत्र शहनवाज निवासी ढंडेरा, आसिफ उर्फ बोनी पुत्र गुलफाम निवासी कीर्तिनगर ढंडेरा और गौतम पुत्र पवन निवासी कर्नल एनक्लेव को गिरफ्तार कर लिया। उनसे चारपाई का पाया, चाकू, मृतक के जूते, हेलमेट, मृतक का फोन, पर्स आधार कार्ड और बाइक बरामद की है।
पुलिस टीम में एसपी देहात स्वपन किशोर सिंह, सीओ रुड़की विवेक कुमार, सिविल लाइंस कोतवाली इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह चौहान, वरिष्ठ उप निरीक्षक प्रदीप तोमर, उप निरीक्षक महेंद्र पुंडीर, देवेंद्र पाल सिंह, कांस्टेबल प्रदीप, मेजर सिंह, भीम दत्त, बीरेंद्र, राम सिंह धामी, अरविंद कुमार, सुरेंद्र और एसओजी रुड़की प्रभारी जहांगीर अली, एहसान अली, अशोक, कपिल, सुरेश, रविंद्र खत्री और महिपाल शामिल रहे। एसएसपी अजय सिंह ने इंस्पेक्टर को हत्या के खुलासे के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस हरकत में आयी थी। एसओजी को भी साथ लिया गया। समय के भीतर कोतवाली पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया। इससे खुश होकर कप्तान ने हत्याकांड के खुलासे में शामिल पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया।

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