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बीबीसी के दफ्तर में तीसरे दिन भी आयकर विभाग की रेड जारी

BBC के दिल्ली और मुंबई में स्थित दफ्तरों पर पिछले तीन दिनों से आयकर विभाग (IT) की रेड जारी है। दोनों ऑफिसों में 14 फरवरी को IT रेड शुरू हुई थी। विभाग ने इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी को लेकर यह जांच शुरू की है। रेड के बाद से लेकर अब तक कंपनी की तरफ से सिर्फ इतना कहा गया है कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द से जल्द मामला सुलझा लिया जाएगा। कंपनी ने अगले नोटिस तक अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) करने के लिए कहा है।

मुंबई में BBC के सांताक्रूज स्थित दफ्तर पर छापा मारा गया है। मौके पर मौजूद IT अधिकारी अकाउंट्स की जांच कर रहे हैं। वहीं, दिल्ली में BBC के ब्यूरो ऑफिस पर रेड हुई है। सूत्रों के मुताबिक IT अधिकारियों ने BBC के साथ एक दस्तावेज शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि आयकर विभाग को तीन दिन तक सर्चिंग करने की अनुमति है।BBC पर मारी गई रेड की टाइमिंग को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टी सवाल खड़े कर रही हैं। विपक्ष का आरोप है कि गुजरात दंगों पर आई BBC की डॉक्यूमेंट्री की वजह से बदले की कार्रवाई की जा रही है। कांग्रेस ने एक जारी ट्वीट में कहा था कि पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन किया गया।

अब BBC पर IT का छापा पड़ गया। अघोषित आपातकाल।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि हम (कांग्रेस) अडानी मामले में JPC की मांग कर रहे हैं और BBC के दफ्तर पर इस तरह की कार्रवाई हो रही है। कांग्रेस के अलावा सपा ने भी इस कार्रवाई की आलोचना की। अखिलेश यादव ने इसे वैचारिक आपातकाल बताया तो वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने भी सरकार की कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में आ गया है।वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने बीजेपी पर एक्शन को कानून के मुताबिक बताया है।

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है कि BBC का प्रोपगेंडा और कांग्रेस का एजेंडा एक साथ काम कर रहा है। BBC का इतिहास भारत को कलंकित करने वाला रहा है। इंदिरा गांधी ने BBC पर बैन लगाया था। BBC ने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान कश्मीर में आतंकवादी को करिश्माई युवा उग्रवादी बताया था। BBC ने होली के त्योहार पर भी टिप्पणी की थी। इतना ही नहीं BBC ने महात्मा गांधी पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की थी। ये उदाहरण काफी अहम हैं।एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इस कार्रवाई पर तीखे सवाल दागे थे। उन्होंने जोर देकर कहा था कि ये एक ट्रेंड बन गया है, जहां पर उन मीडिया हाउस को निशाने पर लिया जा रहा है, जो सरकार के खिलाफ बोलते हैं, उनकी नीतियों की आलोचना करते हैं। इससे पहले न्यूज क्लिक और न्यूज लॉन्ड्री के दफ्तरों पर भी ऐसे ही छापेमारी हो चुकी है।

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