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भारत का पहला स्वदेशी quantum computer simulator (क्यूसिम) टूलकिट लॉन्च

आईआईटी रुड़की, आईआईएससी. बंगलुरु और सी-डैक की साझा पहल

रुड़की। देश का पहला ‘क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर (क्यूसिम) टूलकिट‘ 27 अगस्त, 2021 को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) नेे लॉन्च किया है। quantum computing तेजी से उभरता कम्प्यूटेशनल पैराडाइम (computational paradigm) है जो वर्तमान डिजिटल कंप्यूटरों की तुलना में क्वांटम मैकेनिक्स की शक्ति से अधिक तेजी और दक्षता के साथ विभिन्न कार्य कर सकता है। क्वांटम कंप्यूटिंग से क्रिप्टोग्राफी, कंप्यूटेशनल कैमिस्ट्री और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में कंप्यूटिंग पावर में कई गुनी वृद्धि की संभावना है। क्यूसिम पहला स्वदेशी टूलकिट है और इसे क्वांटम कंप्यूटर की मदद से प्रोग्रामिंग के व्यावहारिक पहलुओं को सीखने और समझने का महत्वपूर्ण उपकरण बनाने का लक्ष्य है और इस तरह भारत में क्वांटम कंप्यूटिंग अनुसंधान के नए युग की शुरुआत हुई है।इतना ही नहीं, क्यूसिम टूलकिट भारत को 2022 तक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने का माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का सपना के अनुरूप है जो केंद्र सरकार के एक प्रमुख कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा है।

पूरी क्यूसिम टूलकिट टीम के लिए यह गर्व का क्षण है। भारत में क्वांटम कंप्यूटिंग अनुसंधान को बढ़ावा देने के लक्ष्य से टूलकिट को सक्षम करने की इस पहल में इस टीम का अथक प्रयास रहा है।इस क्षेत्र में यह देश की पहली साझा पहल है जिसमें आईआईएससी बंगलुरु, आईआईटी रुड़की और सी-डैक मिल कर भारत में क्वांटम कंप्यूटिंग शोध को बढ़ाने की आम चुनौती दूर करेंगे। साथ ही, शोधकर्ताओं और छात्रों को कम खर्च पर क्वांटम कंप्यूटिंग में बेहतर शोध करने का अवसर मिलेगा।प्रोजेक्ट की परिकल्पना प्रतिभागी एजेंसियों – आईआईएससी. बंगलुरु, आईआईटी रुड़की और सी-डैक ने बहु-संस्थानिक दृष्टिकोण से की। इसे एमईआईटीवाई का सहयोग और वित्त पोषण प्राप्त है। क्यूसिम के माध्यम से शोधकर्ता और छात्र क्वांटम कोड लिखने और डीबग करने में सक्षम होंगे जो क्वांटम एल्गोरिदम विकसित करने के लिए ज़रूरी है। क्यूसिम शोधकर्ताओं को आदर्श परिस्थितियों में क्वांटम एल्गोरिदम जानने के लिए तैयार करता है और वास्तविक क्वांटम हार्डवेयर पर प्रयोग करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने में भी उनकी मदद करता है।

छात्रों / शोधकर्ताओं को क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आकर्षित करने का उत्कृष्ट साधन क्यूसिम एक आवश्यक शैक्षिक / अनुसंधान उपकरण का काम करेगा। टूलकिट ऐसा प्लेटफॉर्म बनाता है जो छात्रों और यूजरों को वास्तविक क्वांटम हार्डवेयर ‘प्रोग्रामिंग‘ और ‘डिजाइनिंग‘ का कौशल हासिल करने में सहायक होगा।आईआईटी रुड़की की टीम ‘‘क्वांटम कंप्यूटिंग टूलकिट (सिम्युलेटर, वर्क-बेंच) और क्षमता निर्माण के डिजाइन और विकास‘‘ प्रोजेक्ट का हिस्सा होने के नाते भारतीय विज्ञान संस्थान, सीडैक-बंगलुरु, सीडैक-हैदराबाद की टीमों को क्वांटम कंप्यूटिंग और डेवलपिंग प्रोग्रोमिंग की आवश्यक विशेषज्ञता प्रदान कर रही है जिनका टूलकिट पर परीक्षण और कार्यान्वयन किया जाना है।

क्यूसिम के यूनिक फीचर में एक इसका इंट्यूटिव यूजर इंटरफेस है जो शक्तिशाली क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेटर देता है जिससे ग्राफिकल यूजर इंटरफेस आधारित वर्कबेंच एकीकृत होता है ताकि क्वांटम प्रोग्राम तैयार किया जा सके और तुरंत सर्किट जेनरेशन सिम्युलेटेड आउटपुट देखा जा सके।लाॅन्च के अवसर पर श्री राजीव चंद्रशेखर, माननीय एमओएस, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी ने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे रणनीतिक महत्व के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने की दिशा में यह मंत्रालय और पूरे देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह और दिलचस्प है कि हम आजादी के 75वें वर्ष के जश्न के दौर में इस मुकाम पर पहंुचे हैं। यह हमारे अब तक के सफर पर नजर डालने का अच्छा अवसर है ताकि हम यह देखें कि एक राष्ट्र के रूप में हम ने सफलता की कितनी लंबी यात्रा पूरी की है। क्यूसिम और क्वांटम कंप्यूटिंग पर ध्यान केंद्रित करना कई मायनों में यह देखना है कि अगले 25 वर्षों में भारतवर्ष कितनी ऊंचाई पर होगा। मैं एक बार फिर टीम को बधाई और इस प्रयास में शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं।

डॉ सुगत गंगोपाध्याय, प्रोफेसर और प्रमुख, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की ने इस क्षेत्र में आईआईटी रुड़की के योगदान के बारे में बताया, ‘‘टूलकिट के विकास में हमारी टीम ने सीडैक की टीमों के साथ मिलकर काम किया। आईआईटी रुड़की की विशेषज्ञता टूलकिट को वर्तमान स्थिति देने में महत्वपूर्ण रही है। वर्तमान में हम सिम्युलेटर पर शुरू होने वाले प्रोग्राम डेवलप करने का काम कर रहे हैं। इस सहयोग का हिस्सा बनने पर हमें गर्व है क्योंकि इससे जो ईकोसिस्टम बना है उससे देश के क्वांटम समुदाय को मदद मिलेगी जिसके परिणामस्वरूप भविष्य में विभिन्न प्रौद्योगिकी आविष्कार होंगे।‘‘संस्थान की उपलब्धि को राष्ट्रीय महत्व का बताते हुए आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘आईआईटी रुड़की क्वांटम कंप्यूटिंग की शिक्षा एवं शोध में निरंतर सक्रिय भूमिका निभाएगा। आज लांच किया गया क्वांटम सिम्युलेटर इस दिशा में हमें बहुत सक्षम बनाएगा।

”आईआईटी रुड़की ने क्वांटम कंप्यूटिंग में अनुसंधान और अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए हाल में क्वांटम कंप्यूटिंग पर दो आरंभिक कोर्स शुरू किए। पहला कोर्स अक्टूबर ‘20 में ई एंड आईसीटी अकादमी के माध्यम से शुरू किया गया और इसमें विभिन्न पृष्ठभूमि के 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की जिनमें 165 प्रतिभागी अकादमी से सर्टिफिकेट प्राप्त करने में सफल रहे। मार्च ‘21 में शुरू किया गया दूसरा कोर्स विभिन्न सरकारी एजेंसियों और प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों और अधिकारियों के लिए है और इसमें लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिए।आईआईटी रुड़की का परिचय ;ीजजचेरूध्ध्ूूूण्पपजतण्ंबण्पदध्द्धआईआईटी रुड़की राष्ट्रीय महत्व का शैक्षिक संस्थान है जिसमें इंजीनियरिंग, विज्ञान, प्रबंधन, वास्तुकला एवं योजना और मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान की उच्च स्तरीय शिक्षा दी जाती है। 1847 में स्थापित संस्थान निरंतर देश को प्रौद्योगिकी मानव संसाधन और ज्ञान प्रदान करने में अग्रणी रहा है।

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