फिजिकल फिटनेस डॉक्यूमेंट ने मिलने से सुस्त पड़ी रही दारोगा भर्ती की जांच
देहरादून : साल 2015 में हुई दरोगा भर्ती में पाई गई अनियमितताओं के तहत 20 दरोगाओं को निपलंबित किया गया था। लेकिन इस दरोगा भर्ती घोटाले की जांच कछुआ गति से चल रही है। जैसा कि आपको मालूम ही है कि दारोगा भर्ती घोटाले मामले में 20 दारोगाओं को निलंबित किये जाने के बाद अब जांच फिर धीमी पड़ गई है। जब इस हीलाहवाली की जांच की तो इसका मुख्य कारण सामने आया।
आपको बता दें कि रिजर्व पुलिस लाइन देहरादून से शारीरिक दक्षता संबंधी दस्तावेजों का न मिलना जांच की गति को धीमी बना रहा है। इस संबंध में विजिलेंस की ओर से 10-12 दिन पहले पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा गया था लेकिन, पुलिस मुख्यालय व एसएसपी कार्यालय के बीच तालमेल न बनने के कारण दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पाए हैं।
आपको बता दें कि साल 2015 में हुई दारोगाओं की सीधी भर्ती तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में हुई थी। 339 पदों के लिए हुई इस भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय,पंतनगर को दी गई थी। यूकेएसएससी के पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने जब गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय के पूर्व असिस्टेंट एस्टेब्लिसमेंट आफिसर दिनेश चंद्र को गिरफ्तार किया तो अन्य भर्तियों में भी गड़बड़ी से जुड़ी जानकारी हाथ लगी। इससे साल 2015 में हुई दारोगा भर्ती परीक्षा भी जांच के घेरे में आ गई थी।