Sat. Feb 1st, 2025

सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन कर निवेश के नये उत्पाद किये पेश

नयी दिल्ली: बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन कर निवेश के नये उत्पाद पेश किये हैं। इसके तहत उच्च जोखिम लेने में सक्षम निवेशकों के लिए विशेषीकृत निवेश कोष के साथ सूचकांक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड से संबंधित योजनाओं के अंतर्गत उदारीकृत ‘म्यूचुअल फंड लाइट’ रूपरेखा पेश की गयी है। विशेषीकृत निवेश कोष (एसआईएफ) म्यूचुअल फंड को आधुनिक निवेश रणनीतियों को शुरू करने की अनुमति देते हैं। यह सतत रूप से खुली योजनाओं (ओपन इंडेड स्कीम), निश्चित अवधि की योजना (क्लोज इंडेड स्कीम) आदि के लिए होंगी। इससे देश में निवेश परिदृश्य व्यापक होने और उसमें विविधता आने की उम्मीद है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि संबंधित संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) में नए उत्पाद की सभी निवेश रणनीतियों में प्रति निवेशक न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इसमें मान्यता प्राप्त निवेशक शामिल नहीं हैं। सेबी ने इन कोषों के लिए अलग ब्रांडिंग, पारदर्शिता और निवेशक सुरक्षा पर जोर दिया है। नए उत्पाद का उद्देश्य म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के बीच अंतर को पाटना है। इसके अलावा, इसका उद्देश्य गैर.पंजीकृत और अनधिकृत निवेश योजनाओं के प्रसार को कम करना है। ऐसी योजनाएं प्रायः अव्यावहारिक उच्च रिटर्न का वादा करती हैं। ये बेहतर रिटर्न के लिए निवेशकों की उम्मीदों का फायदा उठाते हैं, जिससे संभावित वित्तीय जोखिम पैदा होते हैं।

सेबी ने कहा,‘‘ परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि ’स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड’ यानी विशेषीकृत निवेश कोष की म्यूचुअल फंड से अलग पहचान हो। यानी नई योजना और म्यूचुअल फंड की पेशकश के बीच स्पष्ट अंतर बनाया रखा जाए।’’ इसके अतिरिक्त, नियामक ने म्यूचुअल फंड की सूचकांक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड से संबंधित योजनाओं (पैसिवली मैनेज्ड फंड) के अंतर्गत उदारीकृत म्यूचुअल फंड लाइट (एमएफ लाइट) रूपरेखा पेश की है। इस रूपरेखा का उद्देश्य प्रवेश में आसानी को बढ़ावा देना,नई इकाइयों को प्रोत्साहित करना, अनुपालन आवश्यकताओं को कम करना, पैठ बढ़ाना, बाजार में नकदी बढ़ाना, निवेश विविधीकरण की सुविधा और नवोन्मेष को बढ़ावा देना है। सेबी ने अधिसूचना में कहा कि म्यूचुअल फंड लाइट ‘एसेट मैनेजमेंट कंपनी’ के पास परिसंपत्तियों में निवेश के लिए कम से कम 35 करोड़ रुपये का नेटवर्थ होना आवश्यक है। लगातार पांच साल तक मुनाफा रहने पर इसे घटाकर 25 करोड़ रुपये किया जा सकता है। सेबी ने इसे प्रभावी बनाने के लिए म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *