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“पाकिस्तान पर सख्त संदेश, अब मदरसों में भी पढ़ेंगे छात्र भारतीय सेना की वीरगाथा”

देहरादून:  मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि पाकिस्तान ने हमारे निर्दोष नागरिकों को मारा। हम दो राष्ट्र सिद्धांत में विश्वास करने वाले नहीं हैं। हम हिंदू और मुसलमान में कोई अंतर नहीं करते। हम इसे पाठ्यक्रम में शामिल कर रहे हैं क्योंकि देश सर्वोपरि है। हम इसकी शुरुआत 2025 से करेंगे।

दूसरी ओर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सोमवार को एक संसदीय समिति को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हमेशा पारंपरिक दायरे में रहा तथा पड़ोसी देश की ओर से परमाणु (खतरे) का कोई संकेत नहीं दिखा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि मिसरी ने सरकार के इस रुख को दोहराया कि सैन्य कार्रवाई रोकने पर द्विपक्षीय स्तर पर सहमति बनी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को रोकने में अपने प्रशासन की भूमिका होने का दावा किया था।

समिति की बैठक में कुछ विपक्षी सदस्यों ने ट्रंप के इस दावे को लेकर भी सवाल उठाया। विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों की स्थायी समिति के समक्ष एक प्रस्तुति में कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की प्रारंभिक जांच में आतंकवादियों के पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं के साथ ‘संपर्क सूत्र’ का पता चला है।

मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद के पनाहगाह के रूप में पाकिस्तान का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ अच्छी तरह से स्थापित है, जो ठोस तथ्यों और सबूतों पर आधारित है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती पर कुछ व्यक्तियों की हत्याओं के लिए भारत को दोषी ठहराता है, जबकि उसके आरोपों में कोई तथ्य या सबूत नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान का उद्देश्य दोनों देशों के बीच गलत तुलना करना है।

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