बरात से पहले उठी दो बेटियों की अर्थी, खुशियों का मंडप बना मातम का घर

हरदोई : सिंहपुर गांव में शादी की खुशियों के बीच सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बने मकान का छज्जा गिरने से दो फुफेरी बहनों की मौत हो गई, जबकि मां और बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए। गांव में तैयार मंडप मातम में बदल गया और मंगलगीतों की गूंज चीख-पुकार में तब्दील हो गई।
सिंहपुर निवासी परशुराम की पुत्री अंजनी (20) की शादी 30 अप्रैल को तय थी। सोमवार को अंजनी का तेल पूजन और भाई सुभाष का देवाई संस्कार आयोजित किया गया था। इसी बीच, परशुराम के दिवंगत भाई जगतपाल की पत्नी गीता (35) के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान का छज्जा गिर पड़ा।
बताया जा रहा है कि गीता ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले एक लाख बीस हजार रुपये की आर्थिक सहायता से मकान बनवाया था। अतिरिक्त बचत से दरवाजा और सात फुट लंबा, छह फुट चौड़ा छज्जा भी बनवाया गया था, जो हादसे का कारण बन गया।
सोमवार सुबह अंजनी और उसकी फुफेरी बहन सपना (10), जो सीतापुर के पिसावां थाना क्षेत्र के उजीरनगर गांव निवासी मुनेंद्र की पुत्री थी, गीता के मकान की छत पर दाल सुखाने गई थीं। काम खत्म करने के बाद जब वे नीचे आ रहीं थीं, तभी दरवाजे के ऊपर बना छज्जा अचानक भरभराकर गिर पड़ा।
छज्जे के मलबे में अंजनी, सपना, गीता और गीता का बेटा सुभाष (12) दब गए। सभी को आनन-फानन में सीएचसी कोथावां ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने अंजनी को मृत घोषित कर दिया। गंभीर रूप से घायल सपना को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। वहीं गीता और उसका बेटा अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
सीओ संडीला सतेंद्र सिंह ने बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। हादसे से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में गुणवत्ता पर उठे सवाल
हादसे ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बनवाए जा रहे मकानों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि निर्माण कार्य में मानकों का पालन सही ढंग से किया जाता, तो शायद यह दर्दनाक हादसा टल सकता था। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।