Sat. Nov 23rd, 2024

बारिश के कहर ने लाखीराम को कर दिया बेघर

आज तड़के 3:30 बजे डहा मकान,बाल-बाल बचा परिवार

वाचस्पति रयाल‍@नरेंद्रनगर

मूसलाधार बारिश के रूप में कुदरत की मार लाखीराम पर ऐसी भारी पड़ी कि आज लाखीराम बेघर होकर परिवार सहित खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गया है।
कुदरत का कहर वर्षा के रूप में ऐसा बरपा कि आज लाखी राम के पास न रहने को मकान रहा और न सर ढकने को छत रही।
बताते चलें कि गुरुवार तड़के नरेंद्रनगर विकासखंड के बनाली गांव में मूसलाधार बारिश के कहर से एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया था।राहत की बात यह रही कि मकान में रह रहे 5 चों सदस्य बाल-बाल बच गए। इस घटना से ही अंदर तक बुरी तरह हिल चुका लाखी राम का कहना है कि मकान की पुश्ते से पत्थर गिरने की आवाज सुनते ही किसी अनहोनी के अंदेशा से परिवार के सभी सदस्य आनन-फानन में मकान से बाहर निकल आए, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। मकान से बेघर हुआ पीड़ित परिवार अब अपने ही सगे भाई के यहां शरण लेने को मजबूर है। बताते चलें कि क्षेत्र में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश होती जा रही है,जो अब तक भी कहीं थमने का नाम नहीं ले रही है। क्षेत्र में लगातार होती जा रही मूसलाधार बारिश के चलते बृहस्पति वार तड़के करीब 3:30 बजे दुआधार के पास बनाली गांव के लाखीराम के 2 कमरों का मकान क्षतिग्रस्त हो गया।

लाखीराम ने बताया कि खेत से सटे पुश्ते के ऊपर मकान की छत का लेंटर टिका था। लगातार हो रही भारी बारिश से पानी खेत से होते हुए पुश्ते के अंदर रिश्ता रहा होगा, जिसके कारण अचानक गुरुवार तड़के मकान के पुस्ते से पत्थरों के गिरने की आवाज रात 3:30 बजे के लगभग उन्होंने सुनी तो वे एकदम हड़बड़ा कर उठे और आनन-फानन में परिवार के सदस्यों को उठाते हुए खतरे की आशंका को देखते हुए मकान से बाहर निकल आए। लाखीराम और उसका परिवार मकान से कुछ सामान बाहर निकाल ही रहे थे कि मकान पूरी तरह भरभरा कर क्षतिग्रस्त हो गया।
कुछ सामान अंदर कमरे में ही दब कर रह गया जो मलबे की ढेर में दब कर नष्ट हो गया।

उदास व हताश लाखीराम बताता है कि परिवार में उनकी 73 वर्षीय वृद्ध माँ ठूमा देवी, पत्नी तथा 12 वर्षीय पुत्री व 8 वर्ष का बेटा जो विकलांग है, कुल 5 सदस्य हैं।जिनके पास अब सर ढकाने कोे छत भी नहीं है।लाखीराम परिवार सहित फिलहाल गांव में ही अपने सगे भाई के घर शरण लेने को मजबूर है।पीड़ित लाखीराम व प्रधान पति तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि अनिल ने पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द मदद दिलाये जाने की मांग प्रदेश सरकार व प्रशासन से की है।
कुदरत की मार से पीड़ित लाखीराम अब अपने को बेसहारा पाकर हिम्मत हार चुका है।
उसके सामने घर बनाकर रहने और परिवार पालने की दो बड़ी समस्याएं मुँह बाये खड़ी हैं।
पीड़ित लाखी राम व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने मदद की गुहार प्रदेश सरकार और शासन से लगाई है। यह देखने की बात होगी कि लाखीराम के जख्मों पर प्रदेश सरकार व शासन मरहम लगाने का काम कब तक करती है। बहर हाल लाखीराम प्रदेश सरकार और शासन पर टुकुर-टुकुर मदद की आस लगाए बैठा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *