Fri. Nov 22nd, 2024

नि-क्षय मित्र पंजीकरण में देश के शीर्ष राज्यों में उत्तराखंड :धन सिंह रावत

देहरादून : उत्तराखंड को टीबी मुक्त करने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेशभर में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत अबतक प्रदेश में 8688 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया जा चुका है जो टीबी रोग को हराने के लिये टीबी मरीजों की मदद करने में जुटे हैं। इन नि-क्षय मित्रों की मदद से अबतक 11635 टीबी मरीज लाभान्वित हो चुके हैं। उत्तराखंड देश के उन शीर्ष राज्यों में से एक है जहां सर्वाधिक नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है, इस उपलब्धि को हासिल करने में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अग्रणी भूमिका रही है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेशभर में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सूबे में नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण कराया जा रहा है, जो प्रदेशभर में चिन्हित टीबी मरीजों को गोद लेकर टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अकांड़ों के अनुसार प्रदेशभर में अबतक 8 हजार 688 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण कराया जा चुका है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 473, बागेश्वर में 149, चमोली में 202, चम्पावत में 155, देहरादून में 1166, पौड़ी में 459, हरिद्वार में 1882, नैनीताल में 1274, पिथौरागढ़ में 240, रूद्रप्रयाग में 218, टिहरी गढ़वाल 306, ऊधम सिंह नगर में 1973 और उत्तरकाशी में 191 शामिल है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेशभर में 12 हजार 264 चिन्हित टीबी मरीज हैं जिनमें से 11 हजार 635 टीबी रोगी इन नि-मित्रों के सामुदायिक सहायोग से लाभान्वित हो रहे हैं।

जिसमें अल्मोड़ा जनपद के 544, बागेश्वर के 130, चमोली के 316, चम्पावत के 232, देहरादून के 1664, पौड़ी के 370, हरिद्वार के 3494, नैनीताल के 1206, पिथौरागढ़ के 143, रूद्रप्रयाग के 237, टिहरी गढ़वाल के 435, ऊधम सिंह नगर के 2429 और उत्तरकाशी के 435 मरीज शामिल हैं। वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को हासिल करने के लिये प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत लगातार प्रयासरत हैं, उन्हीं के प्रयासों और कुलश नेतृत्व का नतीजा है कि उत्तराखंड देश के उन शीर्ष राज्यों में शुमार है जहां टीबी मरीजों की देखभाल एवं सामुयिक सहयोग के लिये सर्वाधिक नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है। प्रदेश में नि-क्षय मित्रों के बढ़ते सहयोग से निश्चित ही उत्तराखंड टीबी मुक्त प्रदेश का लक्ष्य हासिल करने में शीघ्र कामयाब हो जायेगा।

उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे शीघ्र ही हासिल कर दिया जायेगा। बड़ी तादाद में लोग नि-क्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को गोद लेने के लिये आगे आ रहे हैं जो कि एक सुखद अहसास है। प्रदेशव्यापी इस अभियान में सूबे के राजकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों, विभिन्न विभागों व संगठनों, व्यापारिक घरानों सहित अधिकारियों एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त हो रहा है- डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *