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उत्तराखंड को बनेगा योग हब, योग नीति को कैबिनेट की मंजूरी

देहरादून : उत्तराखंड में विकास को गति देने और आम जनमानस से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक संपन्न हुई। बैठक में राज्य के औद्योगिक विकास, स्वास्थ्य सेवाओं, अधिप्राप्ति प्रणाली और योग नीति से संबंधित कुल 15 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से अधिकांश को मंजूरी दे दी गई।

1. स्थानीय ठेकेदारों को बड़ी राहत, 10 करोड़ तक के कार्यों में भागीदारी संभव

राज्य सरकार ने अधिप्राप्ति नियमावली में बड़ा संशोधन करते हुए स्थानीय ठेकेदारों को राहत दी है। अब स्थानीय व्यक्तियों को 10 करोड़ रुपये तक के ठेके प्राप्त करने की पात्रता होगी। इससे राज्य के भीतर निर्माण कार्यों और परियोजनाओं में स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा तथा बाहरी ठेकेदारों पर निर्भरता घटेगी।

2. औद्योगिक विकास के लिए नई नीति को स्वीकृति

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास को मजबूत करने के लिए नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दी है। यह नीति पांच वर्षों तक लागू रहेगी और इसके तहत उद्योगों को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक श्रेणी को स्थान, निवेश और रोजगार के आधार पर विशेष सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सरकार का उद्देश्य राज्य को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाना है।

3. उत्तराखंड योग नीति को मिली मंजूरी

देश और विदेश में उत्तराखंड की पहचान योग की भूमि के रूप में स्थापित हो चुकी है। इस पहचान को आर्थिक और व्यावसायिक अवसरों में बदलने के उद्देश्य से सरकार ने उत्तराखंड योग नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के अंतर्गत योग को एक संगठित उद्योग का दर्जा मिलेगा और राज्य को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें योग संस्थानों को पंजीकरण, अनुदान, प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय प्रचार की व्यवस्था की जाएगी।

4. स्वास्थ्य सेवा में बड़ा फैसला: अटल आयुष्मान और राज्य योजना के भुगतान के लिए 75 करोड़ का ऋण

उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना और राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत देनदारियों के भुगतान के लिए 75 करोड़ रुपये के ऋण को कैबिनेट की मंजूरी मिली है। यह कदम राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सतत और प्रभावी बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है। इससे बीमित परिवारों को अस्पतालों से बेहतर सेवा प्राप्त करने में सहायता मिलेगी और निजी अस्पतालों के बकाए का भी भुगतान संभव होगा।

5. मिथाइल अल्कोहल को ‘विष’ घोषित किया गया

एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य निर्णय के अंतर्गत सरकार ने मिथाइल अल्कोहल (Methanol) को “विष” की श्रेणी में शामिल कर दिया है। इसके तहत उत्तराखंड विष एवं कब्जा नियमावली में संशोधन किया गया है। मिथाइल अल्कोहल का अवैध प्रयोग जहरीली शराब की घटनाओं में आम है। इस फैसले से ऐसे अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई संभव होगी और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

सरकार के फैसलों से क्या होगा लाभ?

  • स्थानीय रोजगार में बढ़ोतरी, ठेके अब स्थानीय लोगों तक पहुंचेंगे

  • उद्योगों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहन, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी

  • योग पर्यटन और प्रशिक्षण का विस्तार, जिससे विश्व स्तर पर पहचान और रोजगार दोनों

  • स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी, अस्पतालों का भुगतान समय पर

  • मिथाइल अल्कोहल के दुरुपयोग पर नियंत्रण, अवैध शराब के मामलों में कमी

मुख्यमंत्री धामी का बयान

“राज्य सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता, जनसेवा और आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में काम करना है। आज के फैसले राज्य के युवाओं, निवेशकों, स्वास्थ्य सेवाओं और आम जनता के हित में हैं। आने वाले समय में हम और भी जनोन्मुखी निर्णय लेंगे।”

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